Book Title: Yogasara
Author(s): Kamleshkumar Jain
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
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सन्दर्भ-ग्रन्थ अनेकार्य ध्वनिमंजरी : महाक्षपणक, सम्पादक-श्री १०५ कुमारश्रमण सिद्ध.
सागर जी महाराज, प्रकाशिका-श्री शान्तिसागर जैन सिद्धान्त प्रकाशिनी संस्था, श्री शान्तिवीरनगर, श्रीमहावीरजी (राजस्थान);
वी० सं० २४८६। अपभ्रंश साहित्य, लेखक-प्रो० हरिवंश कोछड़, प्रकाशक-भारती साहित्य
मन्दिर, फव्वारा, दिल्ली। इष्टोपदेश : आचार्य पूज्यपाद, सम्पादक-जैनदर्शनाचार्य श्री धन्यकुमार जैन,
प्रकाशक-परमश्रुत प्रभावक मंडल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम,
अगास, द्वितीयावृत्ति, सन् १६७३ । चारित्रचक्रवर्ती आचार्य शान्तिसागर स्मृतिग्रन्थ, सम्पादक-श्री बालचन्द
देवचन्द शहा, प्रकाशक-श्री चारित्रचक्रवर्ती १०८ आचार्य शान्ति
सागर जिनवाणी जीर्णोद्धारक संस्था, फलटण, सन् १६७३ । जनेन्द्र सिद्धान्तकोश, भाग ३, लेखक-क्षु० जिनेन्द्र वर्णी, प्रकाशक-भारतीय
ज्ञानपीठ, वाराणसी, प्रथम संस्करण, सन् १६७२। ठाणं-अंगसुत्ताणि, भाग १, सम्पादक-मुनि नथमल, प्रकाशक-जैन विश्व
भारती, लाडनूं ( राज० ), वि० सं० २०३१ । तत्त्वसार : आचार्य देवसेन, सम्पादक-पं० हीरालाल सिद्धान्तशास्त्री, प्रका
शक-श्री सत्श्रुत सेवा-साधना केन्द्र, अहमदाबाद, प्रथम संस्करण,
सन् १६८१। तत्त्वार्थसूत्र : आचार्य गृद्धपिच्छ; विवेचनकर्ता-पं० फूलचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री,
प्रकाशक-श्री गणेशप्रसाद वर्णी जैन ग्रन्थमाला, भदैनी, काशी,
प्रथम संस्करण, वी० नि० सं० २४७६ । नियमसार । आचार्य कुन्दकुन्द, हिन्दी अनुवादक-श्री मगनलाल जैन, प्रका
शक-श्री दिगम्बर जैन स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट, सोनगढ़ (सौराष्ट्र),
चतुर्थावृत्ति, वी० नि० सं० २५०३ । पञ्चास्तिकाय : आचार्य कुन्दकुन्द, अनुवादक-पन्नालाल बाकलीवाल,
प्रकाशक-श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास, तृतीयावृत्ति, वि० सं० २०२५ ।
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