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( १६ ) बन्ध और मोक्ष पुण्य और पाप ध्यान सिद्ध और भिक्षाटन मिथ्यादृष्टि के व्रत-तप निश्चय और व्यवहार
चारित्र ग्रन्थकार : योगीन्दुदेव
काल निर्धारण कृतियाँ:
परमात्मप्रकाश
योगसार कथन शैली उपमाएँ एवं उनका प्रयोग छन्द योजना:
दोहा सोरठा
चौपाई वचनिका एवं वच निकाकार
वचनिका
वचनिकाकार अन्तिम प्रशस्ति उपसंहार
आभार-दर्शन सन्दर्भ-ग्रन्थ मूल ग्रन्थ एवं वचनिका हिन्दी अनुवाद पद्यानुक्रमणिका शब्दानुक्रमणिका
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