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प्रन्थ-विषय-सूची
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.२१४
२१५ २१६ २१७
२१८ २१६-२२० २२१-२२२
२२३
२२४ • २२५-२३२
२३३-२३८ २३६-२४३ २४४-२६९ २५०-२५७ २५८-२६०
२६१ २६२-२६४
२६५-२६६
६२-प्रथम गुणवतका स्वरूप ६३-द्वितीय गुणवतका स्वरूप ६४-तृतीय गुणवतका स्वरूप ६५-भोगविरतिनामक प्रथम शिक्षावृतका स्वरूप ६६-परिभोगविरति नामक द्वितीय शिक्षावतका स्वरूप ६७-अतिथिस विभागनामक तृतीय शिक्षावृतमे पॉच अधिकारोका वर्णन ६८-तीन प्रकारके पात्रोंका वर्णन ६६-कुपात्र और अपात्र का स्वरूप ७०-दातारके सप्तगुणोंके नाम ७१-नवधा भक्तिके नाम और उनका स्वरूप ... ७२-दातव्य पदार्थोमे चार प्रकारके दानका उपदेश ७३-दानके फलका सामान्य वर्णन ७४-दानके फलका विस्तृत वर्णन ७५–दश प्रकारके कल्पवृक्षोंका स्वरूप-वर्णन ... ७६-भोगभूमियाँ जीवोंकी आय, काय आदिका वर्णन ७७-कुभोगभूमियाँ जीवोंके आहार और आयुका वर्णन ७८-भोगभूमियाँ जीवोके शरीर-कला आदिका वर्णन ७६-सम्यग्दृष्टि और वती श्रावकके दानका फल उत्तम स्वर्गवासी देवोमें उत्पन्न होकर
दिव्य सुखोकी प्राप्ति है। ८०-दानके फलसे ही मनुष्य मांडलिक, राजा, चक्रवर्ती आदि महान् पदोंको प्राप्त
होकर अन्तमे निर्वाण प्राप्त करता है ... ८१-अतिथिसंविभागवतका उपसहार ... ८२-सल्लेखना नामक चतुर्थ शिक्षावतका वर्णन ८३-वृतप्रतिमाका उपस हार और सामायिकप्रतिमाके कथनकी प्रतिज्ञा ८४-सामायिकप्रतिमाका स्वरूप ८५-प्रोषधप्रतिमाका स्वरूप ८६-उत्कृष्ट प्रोषधोपवासकी विधि ८७-मध्यम प्रोषधोपवासकी विधि
८-जघन्य प्रोषधोपवासकी विधि पह-प्रोषधोपवासके दिन त्याज्य कार्योका उपदेश ६०-शेष प्रतिमाओके कथन करनेकी प्रतिज्ञा ६१-सचित्तत्याग प्रतिमाका स्वरूप १२-रात्रिभुक्तित्याग, ६३-ब्रह्मचर्यप्रतिमाका १४–आरम्भत्यागप्रतिमा ६५-परिग्रहत्यागप्रतिमा ६६-अनुमतित्यागप्रतिमा १७-उद्दिष्टत्यागप्रतिमाके दो भेदोंका वर्णन ... १८-उद्दिष्टत्यागप्रतिमाके प्रथम भेदका विस्तृत वर्णन ६६-उद्दिष्टत्यागप्रतिमाके द्वितीय भेदका वर्णन
२६७-२६६
२७० २७१-२७२
२७३ २७४-२७६
२८० २८१-२८६ २६०-२६१
२६२ २६३
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