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उववाइय सुत्तं सू० १ . . मल्ल-क्रीड़ा में निपुण पहलवानों से, मुष्टि-प्रहार करने वालों से, स्वयं हँसने वालों और दूसरों को हँसाने वालों से, अनेक प्रकार की कथा कहने वालों से, कूदने वालों अथवा अनेक तैराकों से, वीर रस की गाथाएँ या रास गाने वालों से, शुभ-अशुभ शकुन बताने वालों से, बांस के अग्रभाग पर चढ़कर खेल दिखाने वालों से, अनेक चित्रों को दिखला कर आजीविका चलाने वालों से, तूण नामक वाद्य-विशेष को बजाने वाले बाजीगरों से, वीणा के बजाने में विशेष दक्ष व्यक्तियों से, ताली बजाकर मनोविनोद करने वालों से वह नगरी सेवित थी। क्रीड़ा-वाटिकाओं से, बगीचों से, कुओं से, तालाबों से, वापियों से, जलक्रीड़ा करने वाले स्थानविशेषों से वह नगरी सुशोभितयुक्त थी। इसलिये वह नगरी नन्दन वन के समान प्रतीत होती थी।
In that city, alms was easy to get. It was inhabited by people who were happy and free from fear. Although the city had a very thick population, their relation was never marred by bickerings. The city enjoyed the services of many stage-players, dancers, pope-dancers, wrestlers, boxers, jesters, readers, swimmers, ballad-singers, omen-readers, dancers on bamboo poles, artists, tūn-players, viņā-players and tablāplayers. There were many private garden houses, public parks, wells, ponds, tanks and lakes. 'The whole thing looked delightful like the Nandana garden in heaven.
__उन्विद्ध-विउल-गंभीर-खाय-फलिहा चक्क-गय-मुसुढि - ओरोहसयग्घि-जमल-कवाड-घण-दुप्पवेसा धणु-कुडिल-वंक-पागार-परिक्खित्ता कविसीसय-वट्ट-रइय-संठिय-विरायमाणा अट्टालय-चरिय-दार-गोपुरतोरण-उण्णय-सुविभत्त-रायमग्गा छेयायरिय-रइय-दढ-फलिह-इंदकीला। __ वह नगरी ऊँची, विस्तृत और गहरी खाई से युक्त थी, उसका जो चारों ओर का कोट था, वह चक्र, गदा, गौफिया, जिसके गिराये जाने पर सैंकड़ों व्यक्ति दब-कुचलकर मर जाएं ऐसे रथ्याद्वार के पास की दोहरी भीत से, अस्त्र-विशेषों से और द्वार के छिद्र-रहित युगल कपाटों से युक्त थी,
* According to some, they are people who sing in n raise of the monach.