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उववाइय सुत्तं सू० १९
आहार करना अल्पाहार - अवमोदरिका है। मुर्गी के अंडे के परिमाण के अनुसार केवल बारह ग्रास आहार करना अपार्ध - आधे से अधिक अवमोदरिका है। मुर्गी के अंडे के परिमाण के केवल सोलह कवल आहार करना द्विभाग प्राप्त अथवा अर्ध अवमोदरिका है । मुर्गी के अंडे के परिमाण के केवल चौबीस ग्रास आहार करना चौथाई अवमोदरिका है। मुर्गी के अंडे के परिमाण के केवल इकत्तीस ग्रास आहार करना कुछ कम अवमोदरिका है । मुर्गी के अण्डे के परिमाण के केवल बत्तीस ग्रास आहार करने वाला प्रमाण प्राप्त पूर्ण आहार करने वाला है । अर्थात् बत्तीस ग्रास भोजन परिपूर्ण आहार कहलाता है। इससे एक ग्रास भी कम आहार करने वाला श्रमणनिर्ग्रन्थ बहुत अधिक आहार करने वाला कहे जाने योग्य नहीं है । यह भक्तपान - द्रव्य - अवमोदरिका है । यह कहा गया है ।
इस प्रकार द्रव्य - अवमोदरिका का स्वरूप
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What is implied by restricted use of food?
It may have many types, such as, taking eight morsels each of the size of a fowl's egg which is little intake; twelve morsels of the same size called apardha which leave more than half avamodarika; sixteen such morsels which leave half avamodarika; twenty-four such morsels which leave a quarter-avamodarikā; thirty one such morsels leave only a slight avamodarikā; thirty-two such morsels make one full standard meal. A monk taking even a morsel less car not be called a glutton. Such is restricted use of food.
से किं तं भावोमोअरिआ ?
भावोमोअरिआ अणेगविहा पप्णत्ता । तं जहा अप्पको अप्पमाणे अप्पमाए अप्पलोहे अप्पसद्दे अप्पमं । से तं भावो - मोअरिआ । से तं ओमोअरिआ ।
वह भाव अवमोदरिका क्या है ? उसके कौन-कौन से भेद हैं ?