Book Title: Uvavaia Suttam
Author(s): Ganesh Lalwani, Rameshmuni
Publisher: Prakrit Bharti Academy

View full book text
Previous | Next

Page 356
________________ कुछ प्रतिक्रियाय पुस्तक : गौतम रास : एक परिशीलन-लेखक : म० विनय सागर मल्य-१५.०० “इन्द्रभूति गौतम से सम्बन्धित व्यवस्थित विवरण की दृष्टि से यह पुस्तक अत्यन्त उपयोगी है। आगम-साहित्य में वणित प्रथम गणधर इन्द्रभूति गौतम से सम्बद्ध शोधों के लिये उपयोगी है। लेखक की भाषा साहित्यिक एवं वर्णन-शैली रोचक है।" . -अशोक कुमार सिंह, अमर भारती “गौतम स्वामी का प्रामाणिक जीवन चरित्र, गौतम रास का सम्पूर्ण अर्थ विशिष्ट है जो कि अत्यन्त ज्ञान वर्धक, कल्याण मांगलिक एवं लब्धिसिद्धियों का द्योतक है। . प्रत्येक भविक जैन को मार्मिक प्रसंग का चित्रण नेत्रों में अंकित कर श्रवण करना चाहिये ।" -योति-संदेश, भोपाल "भगवान गौतम पर अब तक जितने शोध-कार्य हुए हैं, प्रस्तुत पुस्तक उनका प्रतिनिधित्व करने में सक्षम है। श्री विनय सागरजी ने इस रचना का सानुवाद समीक्षात्मक अध्ययन प्रस्तुत कर लोकोपयोगी कार्य किया है। पुस्तक की उपादेयता असंदिग्ध है।" __-मुनि महिमाप्रभसागर, हुबली • पुस्तक : समणसुत्तं-चयनिका ---सं० एवं अनु० : डा० कमलचंद सोगानी - मूल्य-१२.०० "Here are the suttas which help each one of us to enrich our lives by the power of our own efforts--a philosophy that puts happiness into meaningful framework of daily living. These suttas explore the richness of dedication, the promise of hope. What Dhammapada, Bible, Koran and Gita is for Buddhists, Christians, Muslims and Hindus respectively, Samanasuttam is for the Jains, the central book of philosophy.” -Prof. K. S. Ramkrishna Rao

Loading...

Page Navigation
1 ... 354 355 356 357 358