Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha
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औ०१९ रा० २० जी०२१ प्रज्ञा०२२
ACT
j० उत्तरकुराए जंबूपेढे २५-९१सू० | कहि ० जंबु० सुकच्छे २५-९६सू० | कहि णं भंते ! उत्तरकुराए २१-१५०सू सूर्य०, २३ ,, , णील० २५९०सू०
,,, सोमणसे २५-९८सू० ,, ,, ,, उतपिल्लाणं २१-१२०सू० चं०/२४ ,, जंबु० उत्सरडभरहे २५-१७सू० ,,, महाहिमवंते २५-८०सू० ,, ,, ,, कालोयगाणं २१-२६६सू० जं० २५ ,,, उत्तरड्ड० २५-१६सू० ,,, रम्पएक २५-११२सू०
,, जंबुद्दीव० २१-१६३सू० नि० २६ ,, ,, चुल्लुहिम० २५-७३सू० ,, विजए णामं २५-८सू०
,, ,, जंबुद्दीवे २५-३सू०प्रकी०२७ ,, णिसहे २५-८४सू०
हेमवए २५-७७सू०
, जंबु० विजये २१-१३०सू० णीलवंते० २५-१११सू० ,,, . हरिवासेवासे २५-८३सू०
, जंबु० वेज० २१-१४५सू० ,, दीवे दाहिणद्धे २५-११मू० ,,, जोइसियाणं २२-५०सू० ।
,, जोइसि० २१-१२३मू० ,, भरहे० २५-२०म० , देवकुराए चित्त० २५-१९सू०
,, दाहिणिल्लाणं २१-११०सू० , , २५-१२सू० देव० कूडसामलि० २५-१०१सू०
, दाहि० हयक० २१-११३सू० ,, भारहे. वेअद्ध २५-१३५० , देव०णिसढद्दहे. २५-१००सू०
, दीवसमुद्दा २१-१२४सू० महा० कच्छे० २५-९५सू०
,,, पिसायाणं० २२-४८सू० ,, देवद्दीवगाणं २१-१६८सू० ', चित्तकूडे, २५-९५सू० ,, भंते! अभिंतरलावणगाणं
, धायतिसंडदी०२१-१६५सू० ,, ,, मंदरे० २५-२०४सू०
२१-१६४०
,,, नागकुमारार्ण २१-१२१सू० ,, ,, विज्जु० २५-१०२० ,,,,, असुरकुमारा०२१-११८सू० ।
,,, नेरइयाणं पज०२२-४२सू० ,,, महाविदेहे २५-८६सू० ,,,, उत्तरकुराए २१-१४९सू०
पंचिंदिय० २२-४४सू० ....., महा०सीआए २५-९७सू० !""" "
२१-१५२सू० । , ,,,, बादरपुढवी० २२-३९सू०

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