Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

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Page 93
________________ श्रीजीवा० विषयसूचिः श्रीउपा० विषयानुक्रमे ॥ १९॥ २११-२१२ विमानानामुच्चत्वसंस्थान. | २२४ एकेन्द्रियादिभेदस्थित्यन्तराणि १०८) २३७ सूक्ष्मवादरयोरस्पबहुत्वं ४१८ वर्णनम् | २२५ एकेन्द्रियादीनामल्पबहुत्वं ११० २३८ निगोदाधिकारः २१३ आयामादिवर्णनम् | इति चतुर्थी पतिपत्तिः २३९ निगोदसंख्या ४२४ S| २१. वैमा० संहननसंस्थानवर्णनम् ३९६] २२६ पृथ्वीकायभेदाः इति पंचमी प्रतिपत्तिः २१५ देववर्णादिवर्णनम् २२७ पृथ्व्याः स्थितिः | २४० नैरयिकस्थित्यादिवर्णनम् ४२७ २१६ वैमा० अवधिवर्णनम् १०२/ २२८ , कायस्थितिः | इति षष्ठी प्रतिपत्तिः २१७ समुद्घातवर्णनम् | २२९ , अल्पबहुत्वं ४१३/ २४१ प्रथमसमयनैरयिकादिवर्णनम् ४२९/ 31 २१८ वैमानिकानां विभूषावर्णनम् ४०४ २३० सूक्ष्मस्य स्थितिः इति सप्तमी प्रतिपत्तिः २१९ वैमानिकानां कामभोगवर्णनम् , | २३१ सूक्ष्मस्य कायस्थितिवर्णनम् ४१४ | २४२ पृथ्यादेः कायादिस्थितिः । २२० वै० स्थितिवर्णनम् | २३२ सूक्ष्मस्यान्तरवर्णनम् इत्यष्टमी प्रतिपत्तिः २२१ वै० उद्वर्तनावर्णनम् ४० २३३ सूक्ष्मस्याल्पबहुत्वं ४१५/ २४३ प्रथमसमयिकादीनां स्थितिकाय२२२ वै० जीवानां स्थितिवर्णनम् २३४ वादरस्य स्थितिवर्णनम् स्थित्यन्तराल्पबहुत्वं २२३ , अल्पबहुत्वं | २३५ बादरे कायस्थितिवर्णनम् ४१७/ २४४ सर्वजीवाभिगमे सिद्धासिद्ध॥ इति तृतीया प्रतिपत्तिः | २३६ बादरस्यान्तरं भेदाः ४३१ ६ ४१८ ॥१९॥

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