Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

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Page 71
________________ औ० १९ रा० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ०२४ जं० २५ रसू०नि० २० "", गम्भवतिय प्र की०२७ सुहमे सुहुमेत्ति कालतो २२-२३६सू० से इमे गामागर जाव० १९-४१सू० सूई जहा ससुत्ता २७-३६१ सेओ राया धारिणी देवी २०-४सू० सूणाभपवर्स २७-८११ |से किं तं अकम्मभूमग० २१-११४सू० सूरमंडलस्स पं० सूर० २५-१३०स० ,,, ,, अजीवपन्नवणा २२-२सू० सूरमंडले णं० केवइयं २५-१३१सू० ,, अजीवाभिगमे २१-३सू० सूरस्स णं० कर अग्ग.. २१-२०५सू० ,, अणंतरसिद्ध०२२-७सू० सूरस्स य सूरस्स य २७-१०८३ ,, अम्भिंतरए तवे १९-२०सू० ,, अरूविअजीव०२२-३सू० , धम्मस्थि० २१-४सू० सूरतरिया चंदा २४-८५ असंसारसमा० २२-६सू० २७-२०८४ असंसारसमावणं० २१--सू० अंतरदीवगा २१-१०९सू० सूरिया० केवइयं कालं ठिती २०-४६सू० , आउक्काइया . २१-१६सू० सूरियाभस्स० २०-८२सू० ,, ,, दुविहा० पं०२२-२६सू० सूरियाभाति ! समणे २०--१८सू० ,, ,, ,, इत्यीओ २१-४६सू० सूरियामे० अट्ठसयं चक० २०-३०सू० ,, उवमिए , २५--१९सू० सूरियाभे० देवेणं सा दिब्वा २०--४७सू० ,,,,, एगेदियसंसार० २२--१०सू । SENTERTY " " " PRESEBERSKE तं ओराला तसा पाणा २१-२८सू० ,, खरवायरपुढवि० २२-१५सू० ,, खहयरपं० ति० २२-३६सू० २१-४१सू० ,, ,, ,, गम्भवऋतिय० २१-३८सू० २१-१०८सू० चउरिंदियसंसार० २२-२९सू० चउरिदिया०अंधिया२१-३१सू० जलयरपंचिंदिय० २२-३३सू० जलयरा २१-३६सू० २१-३९सू० जीवपन्नवणा २२-५सू० जीवाभिगमे २१-६सू० जीवाजीवाभिगमे २१-२सू० णपुंसका २१-५२सू० ससा २१-२३सू० तिरिक्ख० २१-९७सू०

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