Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

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Page 77
________________ श्रीउपा० विषयानुक्रमे श्रीराय० श्रीजीवा० श्रीप्रज्ञा लघुविषयानुक्रमः ॥३॥ २२१ १९४ ९३, १८१* बहुवक्तव्यतापदम् ३ १६८, २०१,२०८ द्वितीय इन्द्रियोद्देशः (३१७) २९९, २१७* कर्मप्रकृतिपदम् २३ १२१ HI १०२ स्थितिपदम् ४ १७८ २८५ प्रयोगपदम् १६ ३३० २९३,२१७*प्रथमःकर्मप्रकृत्युद्देशः(१६५) १२१ विशेषपदम् ५ २०४, २३२, २१०* १७ लेश्यापदम् ३७३/ २९९ द्वितीयः कर्मप्रकृत्युद्देशः (४९२) १४८,१८४* व्युत्क्रान्तिपदम् ६ २१३, २०९* प्रथमो लेश्योद्देशः (३४३)/ ३०० कर्मवन्धपदम् २४ १४६ उच्छ्वासपदम् ७ २२, द्वितीयो लेश्योद्देशः (३५२) ३०१ कर्मवेदपदम् २५ १४८ सञ्झापदम् ८ २२४ तृतीयो लेश्योद्देशः (३५८)| ३०२ कर्मवेदबन्धपदम् २६ १५३ योनिपदम् २ २३०,२१८* चतुर्थो लेश्योद्देशः (३७०)| ३०३ कर्मवेदवेदपदम् २७ ४९८ | १६०,१९१* चरमाचरमपदम् १० २४६/ २३१ पञ्चमो लेश्योद्देशः (३७२/ ३१२, २२०* आहारपदम् २८ ५२४ १७५, १९८* भाषापदम् ११ २६८, २३२ षष्ठो लेश्योद्देशः (३७३)। | ३०९,२१२* प्रथम आहारोद्देशः (५११) १८. शरीरपदम् १२ २८४ २५४,२१२* कायस्थितिपदम् १८ ३९५] ३१२२२०* द्वितीय आहारोद्देशः (५२४) | १८५, २००* परिणामपदम् १३ २८२ | २५५ सम्यक्त्वपदम् ११ ३९५३१३ उपयोगपदम् २९ ५२८ १९०, २०१* कषायपदम् १४ २९२/ २६७, २१३* अन्तक्रियापदम् २० १०७/ ३१५ पश्यत्तापदम् ३० २०१, २०८* इन्द्रियपदम् १५ ३१७/ २७९, २१६* शरीरपदम् २१ ४३५, ३१६ २२१* सज्ञिपदम् ३१ ५३४ १९८,२०६ प्रथम इन्द्रियोद्देशः (३०८)| २८८ क्रियापदम् २२ ४२२३१७,२२२* संयतपदम् ३२ ५३८ २२ ५३३ ॥३॥

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