Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha
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औ०१९
रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥५०॥
सूर्य०१२३
चं०/२४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७
निंदामि निंदणिजं २७-१४१ | नेरइया f० कइ इंदिया २२-१९३सू० | नेरइया पं० नेरइयत्ते के० २२-३३९१० नीअंगमाहिं सुपओहराहिं २७-३९१ |,, , कइ लेसाओ २२-२१५सू० | , णं भंते ! केवइयं० २२-२४सू० नीलवंतहहस्स णं पुरस्थि०२१-१५१सू० , , कति भागाव०२२-१४४सू० ,, ,, केवतियं २१-२२३सू०
नीलाणुरागवसणा २२-१४९ , , कतो उ० २२-१२९५० ., पं० सब्बे समकम्मा २२-२०७सू० | नेरइए णं० जाई० २२-१७१सू० किं अणंतरा०२२-२५७सू० नेरइयाणुप्पाओ
२१-२० , नेरइएसु २२-२२२सू०
,,, आहारस० २२-२४८सू०
नेर० कतोहिंतो उव० २२-१२९सू० , नेरइपहितो २२-२५९सू० ,, ,, एगिदियस०२२-३०८सू० नेसप्पे पंडुअए
२५-२८ नेरइयअंतकिरिया
२२-२१३ " ", ओयाहारा २२-३०९सू० नेहक्खेवे दीवो
२७-१५७९ नेरइयतिरियमणुया २२-२२१ , ,, सचित्ता० २२-३०४सू० पउमलया णागलया
२२-२९ नेरइयदेवतित्थंकरा. २७-१९६७ , , , संतरं उव०२१-१२६सू० पउमा पउमप्पभा चेच २५-४९ नेरइया पं० अणंतरं उब्व०२२-१३८सू० ,, , संतरं ,, २२--१२५सू० पउमुत्तरे णीलवंते
, अणंतराहारा २२--३२२सू० ,, ,, सिता जोणी २२-१५०सू० पउमुप्पलनलिणाणं नेरइया पं० आहारे किं २२-३२३सू० ,, केवइयं खेत्तं २२-३१९सू० पउमुप्पल संघाडे २२-१०९
, एग० के २२-१२८स्क ,, केवइया पजवा २२-१०४सू० पउमुप्पलिणीकंदे , , एगसमएणं २२-१२७सू० ,, केवतिकालस्स २२-१४६सू० | पक्कमंतेसु सउणेसु २७-९०७
, ओहिस्स किं २२-३२१सू० ,, केवतिया २२--१७८सू० | पञ्चक्खाइ य ताहे २७-१५७५ ,, ,, ओही किंसंठिए २२-३२०सू० । ,,,, के० वेदणासमु०२२-३३५सू० | पञ्चक्खाविति तओ तं . २७-३२०
२५-६५
२२-९०
२२-८८

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