Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

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Page 50
________________ औ० १९|| रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥४८॥ सूर्य०१२३ चं०.४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ SRAELVEERINAKERALA नत्थि य ते संघयणं ... २७-१६०७ | नवबंभचेरगुत्तो ,, इहं संसारे २७-१८४० | नवमी मुम्मुही नाम न निमित्ता विवजंति २७-९१५ | नवमे वसंतमासे नपुंसपसु सउणेसु २७-९०३ | नवमो अ आणइंदो नपुंसकनिमित्तेसु . २७-९१९ | नवि अस्थि माणुसार्ण नमिऊण महाइसयं २७-२७६ , महावीरं २७-७१० | नवि कारणं तणमओ नमुत्थु धुयपावाणं. २७-८० नयणोदगंपि तासि २७-१६३५ न य मणसा चिंतिजा २७-१५५० |, जाई कुलं वावि नरपसु अणुत्तरेसु अ २७-२५३९ ,, तं करेइ अग्गी , वेयणाओ २७-६८१ ,, ,, कुणइ अमित्तो २७-२६१६ ,,, विसं च सत्थं नरगतिरिक्खगईसु " सत्थ च विस नरयगइगमणरोह २७-४७ "" "" " नरविबुहेसरसुक्खं २७-२८० ,, माया नविय पिया न लहइ जहा लिहंतो २७-४१७ | न हु तम्मि देसकाले २७-६२९ न हु तेसुं वयणं खलु २७-१६०० २७-४८७ .... मरणमि उवग्गे २७-२३५ २४-२४ २७-२५२८ २७--१८९३ ,, सक्का नासेउं २७-१३७६ २२-१२२२ ,, ,, सा पुणरुत्तविही २७-१४४४ २२--१७१ ,,,, सिज्झई ससल्लो २७-१५७ नंदमाणो चरे धम्म २७-४९४ २७-६३९ नंदा भद्दा विजया २७-८५५ २७-१५२२ नंदे जए य पुन्न २७-८५६ २७-४९५ नाउमिह अमावासं २५ (पृ० ५०७टी०) नागकुमारिंदाणं २७-९५० २७-१४३३ नाणमयवायसहिओ २७-१८६३ २७-१४६२ नाणसहियं चरितं २७-१३७३ २७-१६० नाणस्स केवलीणं २७-१२९७ २७-१३४५ - दसणस्स य २७-१२९ २७-१८८१ | नाणंनि दसणंनि अ २७-७२९ २७-१२१ । , २७-९६ ॥४८॥

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