Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

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Page 49
________________ सूर्य०२३ चं०/२४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ औ०१९ Sधण्णा(उ)करंति तवं २७-१८६२ | धायइसंडपभिई . २१-७६ | धीरेणवि मरियव्वं रा० २० धण्णा सत्तहियाई २७-१०७९ जी० २१ धन्नोऽहं जेण मए २७-४४० धिइबलविअलाण २७-२८७ | धीरो चिलाइपुत्तो प्रज्ञा०२२| | धम्मत्थिकारणं पुच्छा २२-२५३१० । | घिद्धो अहो अकजं २७-१४३६ जरमरणविऊ ॥४७॥ धम्मं जिणपन्नत्तं २७-२३९ धिधी (धी धी)मोहो जेणिह २७-१८४८ धी संसारो जहियं धम्मंतरायभीए २७-८०७ धीधणिअबद्धकच्छा २७-१७८३ | धुरए बमुहे बियडे धम्मगसुसीलजुयलं २७-२७११ धे इति कंठिआओ धम्माणं च अहिंसा धीधणिअवद्धकच्छो २७-६५० मइवेगसमं चवलं धम्माधम्मागास २७-१२५३ धीर! पडागाहरणं नई नमा सरीरं धम्मेण विणा जिण. २७-१५४८ | नक्खत्ततारगाणं धम्मो ताणं धम्मो सरणं २७-५८० धीरपुरिसपण्णत्तं २७-२१७ ,, न कओ साहू २७--१३१० २७-६७९ नक्खत्तमिगसहस्सं धरणियलाउ समाओ न चयंति किंचि काउं धरणोवि नागराया धीरपुरिसपण्णत्ते २७-२७८१ | नस्थि किर सो पएसो धातइसंडप्पमितिसु २४-८० । धीरपुरिसपत्र २७-२६५ धातइसंडपरिरओ २४-३७ धीरपुरिसेहिं कहियं २७-१५४७ , भयं मरणसमं धायइसंडं णं दीवं कालोदे २१-१७६स० | धीरेणवि मरियवं EXAXMXXRXXXANEXXE २७-२७४ २७-१५५६ २७-१६६५ २७-२३३ / २७-१८३४ २४-९३ २७-८३३ २७-५२८ २७-४९१ २१-६२ २७-२०६५ २७-२०४४ २७-१४०५ २७-१७२ "तारयाणं . २७-६८५ २७-१६३६

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