Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

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Page 38
________________ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ | चं०/२४ जं. २५ नि० २६ प्रकी०२७ तए णं मम जगरगुत्तिया २०-७०सू० |तए णं से जियसत्तू राया २०--५६० | तए णं से भरहे, चउ० २५-७०० ,, णं समणे० कलं पाउ०१९-१३सू० ,, ,, ,, दिवे चक्करयणे २५-६२सू० ,,, चाउग्घंटं २५-४६० , , कृणिअस्स १९-३४सू० " , , , , २५-६५मू० ,,,,, छत्तरयणं २५-६०सू० , , मिहिलाए २५--१८१सू० " " , .. २५-५१सू० ,,, तं दिव्वं २५-४७० ., पं० सव्वं जाणह २०-२२१० " , , , , २५-४५सू० णं सामहतिमहालिया १९-३५सू० ,,,, तुरए २५-६३सू० , सावत्थीए नयरीए २०-५४सू० ,, ,, , पवित्तिवाउए । १९-२८सू० .,., मणिरयण २५-५४० पं० सूरियर्कतप्पमु० २०-७८सू० तए पं० सेयधिया नगरी २०-५८सू० णं से अच्चुइंदे २५-१२३सू० ,, पालयदेवे २५-११७सू० णं से विजए महया २१-१४३९० ,,,, अच्चुए देवे० २५-१२२सू० ,, बलवाउए १९-३०सू० ,, ,, सके जाव २५-११८सू० ,, ,, अच्चुए देविंदे २५-१२१सू० ,, भगवं जंवू० २६-४सू० ,,,,पंच० २५-१२४सू० ,, से० अंतियाओ २०-५७सू० , भरहे राया २५-६७सू० ,,, सेणाबलस्स २५-५७सू० से आसमदोणमुह० २५-४८सू० ,, अण्णया २५-७२सू० ,, हस्थिस्स कुंथुस्स २०-७४सू० , ,, कूणिए० जेणेव १९-३१सू० २५-५३सू० तट्रे अ भाविअप्पा ,, ,, बलवाउ० १९-२९सू० ,,,,,, उपि २५-५९स० । .. य भावियप्पा ,, ,, वामं० १९-१२स० |, , , , कयमाल० २५-५२सू० तणकट्टेण व अग्गी २७-१८८ , चित्ते सारही २०-५५सू० | , , , , गंगाए २५-६६सू० | , , ,

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