Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

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Page 37
________________ औ०१९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ पं० अत्ताणं संपलद्धं २०-८१सू० | तए थे. केसालंकारेण २०-४३सू० , तए ण ताओ सुभद्दा० १९-३७० सूर्य०१२३ , अयभारगं वा २०-६९सू० ,, केसीकुमारसमणे २०-५९सू० , "" १९-३३स० चं०५ ,, आभिओगिए देवे २०-२५सू० ,, ,, चाहिं ठाणेहिं चि०२०-६१सू० , ० तुझे नाणे वा २०-६४सू० जं० २५ आहोहिया २०-६३सू० चत्तारि अग्गमहिसी२०-४५सू० ,,, तुभं इयछेयाणं २०-७२सू०नि० २६ इमेयारू २०-८०सू० चत्तारि य सामा० २०-४४सू० णं ते आमिओगीया २०-८सूकमकी०२७ इयछेयाणं दक्खा २०-७२सू० चंपाए. सिंघाड०१९-२७सू० ते आवाडचिलाया २५-५८सू० इह उवविसामि २०-६५सू० चित्ते सारही २०-६०सू० ,, ,,बहवे वेमाणिया २०-१३सू० उत्तरपुरस्थिमं० २०-१०सू० जिणिदाभिगमण २०-१६मू० ,, ते मणुआ भरहं २५-४०० , उम्मुक्कबालभावे २०-८४सूर , णञ्चासण्णे २०-१९सू० पं० तेसिं सामाणिय० २०-४२सू० उवट्ठाणसालाए २०-६७सू० णो आढाति २०-२३सू० णं दढपतिपणे २०-८३स० , एग भागं बलवाह०२०-७९सू० ,, णं तस्स भ० अण्णया २५-६८सू० ० दिव्वं देवढेि २०-२५० :, एसा पण्णा उवमा २०-६६सू० ,, , भरहस्स २५-४४९० , परिसाए. जाव २०-२०सू० ., कर आयरिया पं०२०-७७सू० " " २५-६१सू० , पंचागीयपरि० २०-२७सू० ,,, कल्लं पाउप्पभायाए २०-६२सू० ,, , विजयस्स २१-१४४सू० ,, पायत्ताणिया० २०-१२सू० , णं कूणिअअस्स. बहवे १९-३२सू० ,,, , सूरियाभस्स २०-६सू० बहवे देवकुमारा २०-२४० ,,, कूणिए सुअक्खाए. १९-३६सू. , गं. तहत्ति आणाए २०-१२सू० , ,, भवसिद्धिए अभ० २०-२१सू० ,, पं० केइ पुरिसे तरुणे २०-६८सू० ,, ,, तं दिव्वं . २०-२५सू० ,,, मम अजगस्स २०-७५सू०

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