Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

View full book text
Previous | Next

Page 42
________________ औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२ ॥ ४० ॥ ता कतिकट्टु ते सूरिए २४-३०सू० २४-३१सू० , कति णं चंदिमसूरिया २४-१००० 35 99 22 " भंते! संव० २४-५४० 33 23 23 " संवच्छरा " कति ते चंदमंडला " कहं ते अणुभवि 39 35 23 39 35 33 33 33 33 55 39 27 33 23 35 39 39 23 35 35 35 33 " उच्च 35 " उत्तरा अद्ध० 25 २४-४५० २४-१०२० अद्धमंडलसंठिती २४-१२सू० 55 उदयसंठिती एवंभागा ओयसंठिती 35 " कुला गोत्ता 25 ,, चयणोववाता चंदमग्गा २४-५२० २४-८९ सू० २४-१३० २४-२९सू० २४-३५० २४--२९० २४-३७० २४-५०सू० २४-८८सू० २४-४४सू० ता कहं ते चंदमसो वडो० २४-७९सू० ता कहं ते मासा चंदे ससी 39 २४-१०४सू० २४-५२० मुहुत्ताणं " चारा जोगस्स आदी २४-३६सू० "" RRRRRR " 33 "" 33 29 55 22 23 25 35 35 "" 35 "" " 25 99 33 " 15 39 23 99 59 जोतिसस्स दारा २४-५९सू० 23 , णक्खत्तविजये २४-६०सू० " णेता 33 २४-४३० २४-४२सू० २४-४९ सू० तारगे तिही दिवसा "" " देवताणं दोसिणाल० " नक्खत्तसं० पुष्णिमासिणी 35 "" " भोयणा 39 35 २४-४८सू० २४-४६सू० २४-८७० २४-४१ सू० २४-३८सू० २४-५१ सू० २४-१९सू० मंडलसंठिती मंडलाओ मंडलं २४-२२सू० 73 35 "1 "" 33 37 99 33 23 " "" 33 22 39 " " "" "" 35 " मुहुत्ता य " राहुकम्मे ,, तेरिच्छगती ,, वृद्धवृद्धी 33 " "3 35 २४ -५३सू० २४-४७सू० २४-३३सू० २४--१०३सू० २४- २१ सू० २४-८सू० संवच्छराणादी २४-७१स्० सण्णिवाते २४ -४०सू० सिग्घगती वत्थू २४-८३सू० सीमाविखंभे 23 " "" कंस्सि णं सूरियस्स २४-२६सू० 33 के ते चिनं पडिचरंति २४- १४सू० "3 सूरियं वरंति २४-२८० 99 23 22 केवइयं एए दुवे सूरिया २४-१५० 35 २४--६१सू० सेआते संठिया २४-२५सू० केवतियं खेत्तं चंदिम० ते एगमेगेणं २४-२४सू० २४-१८सू० सूर्य० / २३ चं० २४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७ 11 80 11

Loading...

Page Navigation
1 ... 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182