Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha
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औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२
॥ ४२ ॥
तिन्नेव कंसणामा
" य कोडीओ
तियलोय मत्थयत्था
तिरिअगइं अणुपत्तो तिरिएस व भैरवसद्द तिरिओववाइयाणं तिरिक्खजोणित्थियाओ तिरिक्खजोणित्थीणं तिरियं तु असंखिजा तिरियं वाहरंतेसु अद्धा तिलए लउए छत्तोह तिलविण दीवो तिविहं तिकरणसुद्धं तिविपि भावसलं तिविहं भांति मरणं तिविहाहिं एसणाहि तिविहेण य सुहमउलं
२४ - ९१
२७-४५४
तिविण व सहमाणो तिविहेणवि सुहमउलं २७-२५ तिविहेसु होइ भेयो २७-६८२ तिविहोवसग्ग सहिउं २७-१६३१ तिसुतणुअं तिसु तंब २७-११४६ तिहिं उत्तराहिं रोहिणीहिं २१-६५सू० गारवेहिं रहिओ २१-४८सू० तिहुअणरजसमा हिं २९-९९१ तिहुयणसरीरवंद २७-९०४ तीआणागयकाले तीसा चत्तालीसा
२२-२०
२७-१६०२ २७-१२४०
२७-१३३४
२७-९८
२७-१४१५ २७- १९७
33
99
33
33
य पणवीसा
"" पनवीसा तीसे णं आमलकप्पाए
39 99
" "
चंपाए० पुण्णभ जगईए उप
२७-१५७८ तीसेणं जगतीए उपि २७-१४८९
२१–५ २७-१६५१
"" वाहिं "" तिमिसगुहाप
२५- २७ २७-८७२
२७-६२४
२७-६११ २७-१२३६.
२७-७४६
२२--१४२
२७-९७०
22
" " भरहस्स०
33
० दोहिं सागरो०
णं स० इकवीसाए
33 23
55
"
" " समाए एक्काए
चहिं
35 35 33
११. ११.
95 95
35 33
23
तिहिं
पच्छिमे०
11
" भरहे भरहे
23 25
15
२१--७ २२-१३७ " " समाए भारहेο २० - २० तु (बु) टुम्मि सयं मोहे १९-२० तुभित्थ सामि सुअ० २५-५० | तुम्हारिसावि मुणिवर
२१- १२६सू०
२१- १२७सू० २५-- ५५सू० २५-३५० २५-४१स्०
२५-३८०
२५- ३७सू०
२५- ३६०
२५-२७०
२५- २८सू० २५-२९सू०
२५--२२सू०
२५-२१ सू० २५-२६सू०
२७- ५२७
२७-१२४४
२७-७२८
सूर्य० | २३ चं० २४
जं० २५
नि० २६ प्रकी०२७
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