Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha
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HAS
औ०१९ रा० जी०२१ प्रज्ञा०२२
२४-८३ २७-२००९
सूर्य०/२३
चं०/२४ जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७
२६-२ २७-२०२२
२२-२८ २७-१७३५ २७-८५३
चत्तारि य पंतीओ | चरियाए मरणम्मि उ २७-१७३८
| चंदातो सूरस्स य २०७-१०६१ चंदगविज्झं लद्धं
२७-७०८ | चंदा सूरा तारागणा ,, रयणीओ
| चंदण गेरुय हंसगम्भ २२-१३ | चंदुव्व पिच्छणिज्जो २२-१६४ |चंदणपयट्ठिएहि य २७-९६४ | चंदे सूरे सुक्के
२७-१२१३ चंदमंडलस्स पं० केव० २५-१५५सू० |चंदेहि उ सिग्घयरा , सहस्साई
२१-४३ |चंदमंडले णं० केवइयं० २५-१४६सू० | चंपगजीइ णीइया २४-४६ चंदविमाणे णं० कति देव०२५-१६८सू० | चंपासु णंदगं चिय २५-१२७
देवाणं० २५-१७३सू० चाउसिं पन्नारसिं चत्तारिं च सहस्सा २७-१०४७
भंते! २१-१९९सू० चारित्तस्स विसोही चमरवारोअणाणं
२७-९४९ , , किं० २१-१९८सू० चिरउसियबंभयारी चमरस्स पं० कति परि० २१-११९ ,, , देवा० २१-२०६सू० | चिंतामणी अउव्वो चमरस्स सागरोवम० २७-९५६ |चंदस्स पं० कइ अग्ग० २५-१७२सू० चितेइ य खरकर० चमरे धरणे तह वेणुदेव० २७-९६७ | , ,, कति , २१-२०३सू० चुल्लहिमवंते पं० वास० | " , , वेणुदेवे० २२-१४४ | चंदहोराविलग्गेसु २७-९१० | चुलसीई किर लोए चयणोववायउच्चत्ते २४-५ | चंदाउ नीइ जुण्हा २७-१३८०
, " चरणाईयाराणं
२७-६ | चंदाओ सूरस्स य २७-१०८२ चोत्तालं चंदसतं चरिमे णं पुच्छा २२-२४५सू० | चंदातो ,
२१-७८ | चोयालं चंदसयं
२७-१३० २७-४४२ २७-१६५५ २५-७६सू० २७-१४७४ २७--२७३ २४-४५
२१-४२
॥२५॥

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