Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha
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औ० १९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२
॥ १७ ॥
कइया णु तं सुमरणं कइविहा णं ओही
जोणी
जोणी
२२- १५२सू०
भंते! पजवा २२ - १०३०
वेदणा
२२- ३३०सू०
23
कवि आउयबंधे
उबओगे
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33
23
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गइप्पवाए
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कच्कुंभरि दिपलिया
कणगत्तयरताभा
कणगमणिरणधूभि० कण करrयफालिय० कणगावलिमुत्तालि
कण्हस्सा णं० कतिविह
केरिलिया
२७ - १४८१
२२- ३१८सू०
२२- १५३०
25
” वत्रेणं
२२-१४५सू० २२- ३१३सू०
२२- २०५०
२२-२२
२७- ११२१
२७-९६८ २१--३१
२७--१६८८
२२-२२९०
२२-२२७०
२२-२२६०
कण्हलेसे गं० जीवे कइसु " नेरइए०
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कण्हे अ करकंडे य
कण्हे कंड़े वजे
कति ० इंदिया
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करणा कम्पगडीओ
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किरियाओ
२२ - २२४सू०
२२-२२३०
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किरियाओ
१९-६ २२-५३
33
२२- २९४० २२- ३००सू० कसायसमुग्धाया २२-३४२० २२- १८६० २२-२८०सू० २२-२८५०
०कसाया
२२-२८४०
२२-१९१ सू० २५-१५४सू०
२२- ३०१०
२२- ३०२०
२२- ३०३सू० २२-२८९०
कति णं० कुला
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२५- १६२सू०
णक्खत्ता
२५- १५६सू०
भंते! पुढवीओ २२- १५४सू०
भासजाया २२- १६७०
२२- १७४० २१-१६०सू० २१- १८९०
२२-१७६०
२२-२३२सू०
२२-३३३०
12
23
33
99
वेलंधरा
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" समुद्दा
सरीरा
समुग्धाया
35 35
सरीरया संवच्छरा कति पगडी कह बंधति २२ – २१७ कतिपतिष्ट्टिए गं० कोहे २२- १८७० कतिविधाणं भंते! पुढवी २१-१०२० कतिविधे णं इंदियअवाए २२..२००सू०
कोधे
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लेसा
२२-२६८सू०
२५-१५२सू०
सूर्य०) २३ चं० २४
जं० २५
नि० २६ प्रकी०२७
२२ १८८० ॥ १७ ॥

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