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क्रम
विषय
श्लोक नं.
अनिर्वचनीय ख्याति आदि का स्वरूप
२८० ब्रह्मस्वरूपोद्घाटक महावाक्य उपदेशवाक्य की अर्थनिष्पत्ति
तीन प्रकार के संबंध
तीन प्रकार की अभिधा
अनुभववाक्य का अर्थदर्शन
२८१ कारण कार्य संबंध
सत्कार्यवाद-असत्कार्यवाद
तीन वाद
- विवर्त और विकार का भेद
२८२ कर्मविचार तीन प्रकार के कर्म
२८३ वेदांत मत में बद्ध संसारी जीव की
तीन अवस्था
२८४ सुषुप्ति के विषय में समीक्षा
२८५ जाग्रदवस्था के तीन प्रकार
२८६ स्वप्नावस्था के तीन प्रकार
२८७ सुषुप्ति अवस्था के तीन प्रकार
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से तीन अवस्था
-
२८८ वेदांत के विभिन्न संप्रदाय और
उनकी मान्यतायें
(१) निर्विशेषाद्वैत- केवलाद्वैत मत
(२) विशिष्टाद्वैत मत
तत्त्वमीमांसा
अंश अंशी विचार
षड्दर्शन समुच्चय, भाग-२ (१३-६१३)
विषय
- सृष्टि विचार
-
- जगत्
साधन मार्ग ईश्वर भक्ति
(३) शुद्धाद्वैत मत
तत्त्वमीमांसा
ब्रहम
जीव के प्रकार
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पृ. नं.
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क्रम
• जगत्
- पुष्टिमार्ग
(४) द्वैताद्वैत मत
- पदार्थ मीमांसा
जडतत्त्व
जीव की दो दशा
- साधन मार्ग
-
(५) द्वैत सिद्धान्त
- पदार्थ मीमांसा
- परमात्मा
- लक्ष्मी
- जीव
- साधन मार्ग
(६) भेदाभेद सिद्धान्त
(७) अविभागाद्वैतवाद
(८) शैवविशिष्टाद्वैतवाद
(९) वीरशैवविशिष्टाद्वैतवाद
-
२८९ अचिन्त्य भेदाभेद वाद
चैतन्यमत में भगवान
भगवान की शक्तियाँ
- जगत्
- साधनमार्ग
-
२८९ (१) वेदांत दर्शन की पदार्थ
व्यवस्था का चार्ट
श्लोक नं. पृ. नं..
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परिशिष्ट २
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योगदर्शन
२९० योगदर्शन
२९१ ईश्वर का स्वरुप
२९२ क्लेश के पाँच भेद (अविद्यादि)
२९३ योग का स्वरुप
२९४ चित्तवृत्ति
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