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क्रम
विषय
२३३ माया - अविद्या की कुछ विशेषताएँ
२३४ अज्ञान के एकत्व या अनेकत्व
२३५ अविद्या का आश्रय एवं विषय
२३६ सृष्टि प्रक्रिया
२३७ ईश्वक की सृष्टि सूक्ष्म प्रपंच २३८ लिंगशरीर
२३९ विज्ञानमय कोश
२४० मनोमय कोश
२४१ पाँच कर्मेन्द्रियाँ और उसकी उत्पत्ति
२४२ प्राणमयकोश- समष्टि लिग शरीर
२४३ व्यष्टि लिंगशरीर
२४४ स्थूल प्रपंच-पंचीकरण और स्थूलभूत
२४५ प्रमाण विचार
२४६ प्रमाण के प्रकार
२४७ (१) प्रत्यक्ष प्रमाण
२४८ विषय प्रत्यक्ष का निकृष्ट लक्षण
२४९ (२) अनुमान प्रमाण
व्याप्ति का स्वरूप
• अनुमान में एकविधत्व
- अनुमान
के दो प्रकार
२५० (३) उपमान प्रमाण
२५१ (४) आगम प्रमाण
• आकांक्षा
-
योग्यता
षड्दर्शन समुच्चय, भाग-२ (१२-६१२)
श्लोक नं.
२५२ आसत्ति-तात्पर्यज्ञान
- द्विविध पदार्थ
२५३ अर्थापत्ति प्रमाण
२५४ अनुपलब्धि प्रमाण
२५५ प्रामाण्यवाद
२५६ मुक्ति मोक्ष विचार
२५७ मुक्ति का स्वरुप
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प्र. नं.
क्रम
विषय
३५१ २५८ मुक्ति के प्रकार
३५१
३५३
३५४
३५४
३५४
३५५
३५६ २६४ समाधि
३५६
२६५ समाधि के दो प्रकार
३५७
२६६ सविकल्पक समाधि और
३५७
उसके दो भेद
३५८
२६७ निर्विकल्पक समाधि
३६० २६८ निर्विकल्प समाधि के अंग
३६१
२६९ ज्ञान की सात भूमिका
३६१
२७० आत्मा में दृश्य का लय करने की शैली
३६४
३६६
३६७
३६८
३६९
३६९
३६९
३७०
३७०
-
- जीवन्मुक्त के लक्षण
२५९ विदेहमुक्त के लक्षण
२६० ब्रह्मसाक्षात्कार के साधन
२६१ चार साधन
२६२ श्रवण
२६३ मनन - निदिध्यासन
२७१ अद्वैत वेदांत में दृग् - दृश्य विवेक माया में दो शक्ति है
२७२ अद्वैत वेदांत में भिन्न-भिन्न मान्यतायें
२७३ आभासवाद
आभास के भेद
आभासवाद की समीक्षा
आभासवाद की विशेषतायें
जीव और ईश्वर में भेद
- आभासवाद का प्रयोजन
-
३७१
३७१ २७५ अवच्छेदवाद
३७२ २७६ प्रतिबिम्बवाद
३७४ | २७७ तीनों बाद की समीक्षा
३७५ २७८ दृष्टिसृष्टिवाद
३७६
३७६
२७४ कल्पनावाद और आभासवाद
-
२७९ सत्ताविचार तीन प्रकार
श्लोक नं. पृ. नं..
३८०
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प्रातिभासिक सत्ता का स्पष्टीकरण
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