Book Title: Sanmati Tark Prakaran Part 03
Author(s): Abhaydevsuri
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 19
________________ विषय विषय निर्देश पृष्ठ विषय | पृष्ठ ३४९...गाथा-३७ का विवरण ३६१ ...एकान्तनित्य आत्मवाद में जन्मादि लोप की ३४९ ...चौथे सावयव अस्ति-नास्ति भंग का विवेचन आपत्ति ३५० ...गाथा-३८ का विवरण ३६१ ...कपालोत्पत्ति घटविनाश कथंचिद् एक ३५० ...पंचम भंग अस्ति-अवक्तव्य का निदर्शन | ३६३ ...दण्डादिसंनिधान में हेतुत्व की उपपत्ति ३५१...गाथा-३९ का विवरण ३६३ ...स्याद्वाद में विरोधादि दोषों का परिहार ३५१ ...छठे भंग की निष्पत्ति एवं स्पष्टीकरण |३६५ ...घट को त्रि-आत्मक न मानने पर दोष३५१ ...सप्तम भंग का निष्पादन और स्पष्टता परम्परा ३५२ ...गाथा-४० का विवरण | ३६६ ...गाथा-४७ का विवरण ३५२ ...मल्लवादीसूरि के ग्रन्थ में कोटिकोटी उपभेद | ३६७ ...गाथा-४८ का विवरण ३५३ ...आठवा भंग युक्तिसंगत क्यों नहीं ? - उत्तर | ३६७...संसार या मोक्ष दशा में रूपादि-ज्ञानादि का ३५४ ...गाथा-४१ का विवरण प्रवेश ३५४ ...अर्थनय-शब्दनय में सात भंगों की व्यवस्था | ३६८...गाथा-४९ का विवरण ३५४ ...शब्दनय में सविकल्प-अविकल्प सात भंग | ३६८...स्थानांग सूत्र कथित आत्मा आदि के एकत्व ३५५ ...अर्थनय में सात भंग, शब्द नय में दो का समर्थन ३५५ ...शब्द-समभिरूढ नयों में सविकल्प, एवंभूत | ३६९...गाथा-५० का विवरण में निर्विकल्प ३६९ ...जैन दर्शन में न कुछ बाह्य न अभ्यन्तर ३५६ ...गाथा-४२ का विवरण ३६९ ...देहाभिन्न आत्मा की परप्रत्यक्षतापत्तिनिरसन ३५६ ...पर्यायार्थिक नय का द्रव्यविषयक अभिप्राय | ३७० ...संसारी आत्मा में देहपरतन्त्रता की उपपत्ति अनुचित ३७१ ...आत्मा के अवयवों के छेद की आपत्ति का ३५७ ...गाथा-४३ का विवरण समाधान ३५७...एकान्तवाद की समीक्षा ३७२ ...एक आत्मा में विभाग के विना भी छेद ३५७ ...द्रव्यार्थिकनय का उदाहरण की उपपत्ति ३५८...गाथा-४४ का विवरण ३७३ ...आत्मा में गमनक्रिया से अनित्यत्वप्राप्ति ३५८...बाल-युवा-वृद्ध में एकान्त अभेद का निषेध निर्दोष ३५९ ...गाथा-४५ का विवरण ३७४ ...गाथा-५१ का विवरण ३५९ ...दृष्टान्त और दान्तिक का उपसंहार | ३७४ ...दोनों नयों के अनुसार कर्ता-भोक्ता का ३६०...गाथा-४६ का विवरण अभेद और भेद ३६० ...भेदाभेदात्मक जीवद्रव्य को दिखाने के लिये | ३७५ ...गाथा-५२-५३ का विवरण दृष्टान्त | ३७६ ...गाथा-५४ का विवरण ३६० ...उत्पादादि के द्वारा आत्मतत्त्व की स्थिति | ३७६ ...व्यक्तिविशेष के लिये एक नय की प्ररूपणा निर्दोष Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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