Book Title: Samasya ko Dekhna Sikhe
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 12
________________ ९३ m9 ९९ لا لا لا १०१ १०४ १०७ ११० ११२ १२१ १२५ १२८ १३३ २९. समस्या का पत्थर : अध्यात्म की छेनी ३०. जीवन की तुला : समता के बटखरे ३१. करुणा का दोहरा रूप ३२. धर्म का पहला पाठ ३३. धर्म की तोता-रटन्त ३४. यदि मनुष्य धार्मिक होता ३५. स्वस्थ समाज की अपेक्षाएं ३६. विशेषणहीन धर्म ३७. महावीर की वाणी में विश्वधर्म के बीज ३८. महात्मागांधी की आध्यात्मिकता ३९. अध्यात्म का व्यावहारिक मूल्य ४०. धर्म की समस्या : धार्मिक का खंडित व्यक्तित्व ४१. अशान्ति की समस्या ४२. समस्या है बहिरात्मभाव ४३. अन्तरात्मा ४४. राग और विराग का दर्शन ४५. वैज्ञानिक चेतना से नशामुक्ति ४६. समस्या यानी सत्य अनभिज्ञता ४७. अनुभूति की वेदी पर संयम का प्रतिष्ठान ४८. पूंजीवाद और अणुव्रत ४९. सभ्यता और शिष्टाचार ५०. प्रदर्शन की बीमारी ५१. मानव की ग्रन्थियां ५२. विस्मृति का वरदान ५३. जीवन विकास के सूत्र ५४. स्वतंत्रता और आत्मानुशासन ५५. व्यवस्था-परिवर्तन और हृदय-परिवर्तन ५६. कार्यकर्ता की पहचान ५७. व्यक्तिवाद और समाजवाद ५८. स्वार्थ की मर्यादा ५९. विचार-प्रवाह ६०. चिरसत्यों की अनुस्यूति ६१. मनुष्य जो भी रहस्य है १३७ १४२ १४७. १५३ १५९ १६२ १६६ १७० १७२ १७३ १७५ १७७ १७९ १८१ १८६ १९३ १९५ १९८ २०० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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