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महाप्रज्ञ का वक्तव्य हैसमस्या आती है जहां से समाधान भी फूटेगा वहां से जहां से तूफान आएंगे लंगर भी वहीं से आएंगे । आज की समाधान दृष्टि नई समस्या की सृष्टि महाप्रज्ञ की मार्मिक काव्यात्मक भाषा इस सच की परिभाषा'समस्या के समाधान का सर्वश्रेष्ठ उपाय यही है समस्या की श्रृंखला में एक समस्या और जोड़ दो जनता का ध्यान पुरानी समस्या से हटा उस ओर मोड़ दो जो यथार्थ का प्रतिबिम्ब दे उस शीशे को तोड़ दो ।' महाप्रज्ञ का प्रस्तुत ग्रंथ 'समस्या को देखना सीखें देता है समाधान की नई दृष्टि जिसमें सन्निहित है शान्ति का दर्शन सत्य का स्पर्शन समस्या-ग्रस्त पाठक के लिए समाधान का स्वर चिन्तन-मंथन का अवसर विचार के क्षितिज पर उग जाता है तेजोमय भास्कर ।
मुनि धनंजयकुमार
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