Book Title: Rom Rom Ras Pije
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 12
________________ ( ११ -) श्रद्धा श्रद्धा/प्रज्ञा विस्मरण वीतरागता वीर वृत्ति वृत्ति-विजय श्राद्ध Kurrr .... ..... ५५ ५५ वृद्ध वेश वैमनस्य संकल्प/समर्पण संकीर्ण संगत संग्रह संन्यास संयम संयोग वैर वैराग्य व्यक्तित्व-विकास व्यसन व्याधि व्यापकता व्यावहारिक-तप .... संवेग our 9 9 9 rrrrrrrrr or or or or or or or X WWWWWWWW www ० ० ० शरीर शान्ति संवेदनशील संसार संस्कारित सचेतनता सत्कर्म-प्रवृत्ति सत्पथ सत्संग सद्गुण-धृति सद्गुरु सद्गृहस्थ सद्भाव सद्भाव-प्रतिष्ठा सन्तोष/ईर्ष्या सभ्यता 9 9 शाश्वतता शास्त्र शिक्षा शिक्षा-उद्देश्य शिक्षा और आजीविका शिवालय शून्य-चित्त .... ५६ श्रमण .... ५६ sss u du .... ५६ SE Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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