Book Title: Rom Rom Ras Pije
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 95
________________ ६ पंचामृत : महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर चेतना- जगत में इंकलाब की क्रान्ति का नारा देने वाली गुजराती भाषा में निबद्ध पुस्तक | आगम-पत्रों की नये ढंग से कथा- शैली में पुन: प्रतिष्ठा । पृष्ठ ९६, मूल्य ७/ संत हरिकेशबल: महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर अस्पृश्यता निवारण के लिए बोलती एक रंगीन कहानी । बच्चों के लिए सौ फीसदी उपयोगी । पृष्ठ २४, मूल्य ४/ दादा दत्त गुरु : महोपाध्याय ललितप्रभसागर पहले दादा गुरुदेव आचार्य जिनदत्तसूरि की सर्वप्रथम प्रकाशित चित्र- कथा; ज्ञानवर्धक, रोचक भी । पृष्ठ २४, मूल्य ४/ सत्य, सौन्दर्य और हम : महोपाध्याय ललितप्रभसागर सुन्दर, सरस प्रसंग, जिनमें सच्चाई भी है और युग की पहचान भी । घट-घट दीप जले : महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित चन्द्रप्रभ जी की उन कहानियों का संकलन, जिनमें जीवन-दीप की आत्मा हर शब्द में फैल रही है । पृष्ठ ३२, मूल्य २/ पृष्ठ ३२, मूल्य २/ कुछ कलियाँ, कुछ फूल: महोपाध्याय ललितप्रभसागर संसार के विभिन्न कोनों में हुए सद्गुरुओं की उन घटनाओं का लेखन, जिनमें छिपे हैं जीवन- क्रान्ति और विश्व शान्ति के सन्देश । पृष्ठ ३२, मूल्य २/ काव्य-कविता बिम्ब-प्रतिबिम्ब: महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर जीवन की उधेड़बुन को प्रस्तुत करने वाली एक सशक्त प्रौढ़ काव्य-कृति । सत्य के संगान का अभिनव प्रयत्न । पृष्ठ ८४, मूल्य ७/ छायातप: महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर अदृश्य प्रियतम की कल्पना की रंगीन बारीकियों का मनोज्ञ चित्रण | रहस्यमयी छायावादी कविताओं का एक और अभिनव प्रस्तुतिकरण । पृष्ठ१०८, मूल्य १०/जिन - शासन : महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर एक अनूठी काव्यकृति, जिसमें है सम्पूर्ण जैन शासन का मार्ग-दर्शन । काव्य- शैली में जैनत्व को समप्रता से प्रस्तुत करने वाला एक मात्र सम्पूर्ण प्रयास । पृष्ठ ८०, मूल्य ३/ Jain Education International अधर में लटका अध्यात्म : महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर दिल की गहराइयों को छू जाने वाली एक विशिष्ट काव्यकृति । पढ़िए, मस्तिष्क के परिमार्जन एवं जीवन के सम्यक् संस्कार के लिए । पृष्ठ १५२, मूल्य ७/ For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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