Book Title: Rom Rom Ras Pije
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 96
________________ ७ गीत- भजन - स्तोत्र प्रार्थना : महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर चौबीस तीर्थकरों की भक्ति-वन्दना ; नई लयों में रस-भावों की अभिव्यक्ति । प्रत्येक तीर्थंकर के नाम स्वतंत्र प्रार्थना और भजन । पृष्ठ ५२, मूल्य ५/-. दादा गुरु- भजनावली : महोपाध्याय विनयसागर 'दादा गुरुदेव' के नाम से विश्व-विख्यात आचार्य जिनदत्तसूरि, जिनकुशलसूरि आदि चार दादा गुरुओं की स्तुति/ प्रार्थना से संबंधित मंत्र-तंत्र बिखरे स्तोत्रों/ भजनों का सर्वांगीण विराट- अपूर्व संकलन । • पृष्ठ ६००, मूल्य ५०/ महान् जैन स्तोत्र : महोपाध्याय ललितप्रभसागर अत्यन्त प्रभावशाली एवं चमत्कारी जैन स्तोत्रों का विशाल संग्रह । श्रद्धांजलि : महोपाध्याय ललितप्रभसागर भजनों और गीतों का सम्पूर्ण संग्रह । प्रभात वन्दना एवं भजन-संध्या में नित्य उपयोगी । पृष्ठ ३२, मूल्य २/ पृष्ठ १२०, मूल्य १०/ भक्तामर : आचार्य मानतुंगसूरि सुप्रसिद्ध भक्तामर स्तोत्र का शुद्ध- परिमार्जित प्रकाशन; मूलपाठ के साथ है हिन्दी अनुवाद गद्य-पद्य दोनों में । पृष्ठ ४८, मूल्य ३/ जैन भजन : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर लोकप्रिय तर्जों पर निर्मित भावपूर्ण गीत- भजन। छोटी, किन्तु प्यारी पुस्तक । पृष्ठ ४८, मूल्य २/ रजिस्ट्री चार्ज एक पुस्तक पर ८/-, संपूर्ण सेट डाक-व्यय से मुक्त | धनराशि श्री जितयशाश्री फाउंडेशन (SRI JIT-YASHA SHREE FOUNDATION) कलकत्ता के नाम पर बैंक ड्राफ्ट या मनिआर्डर द्वारा भेजें। आज ही लिखें और अपना ऑर्डर भेजें । Jain Education International सम्पर्क सूत्र : श्री जितयशाश्री फाउंडेशन ९ सी, एस्प्लनेड रो ईस्ट, (रूम नं. २८) कलकत्ता- ७०००६९ दूरभाष : २०८७२५/५००४१४ For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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