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२२ आकृति छंद.
वर्ण मेळ.
विशेष जणावेछे के, तेने केटलाक मदिरा पण केहे छे.
४ दिवा नाम छंदः प्रभाकरमां छे तेणे यति कही नथी अने आ साज उमा, मालिनी, मदिरा अने सवैया एकज गण्या छे. तेणे सात भगणने वे गुरुनो बीजो सवैयो, आठ नगणनो त्रीजो अने आठ सगणनो चोथो सवैयो को छे.
५ छंदः पारमां मालिनी नाम छे. ६ छंदरत्नावली.
१२९४ मंदिरा', मदरा.
३.९३..
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७भ+ग. १७,९७,१५९ १२,१० यति. बार दशे यति छे मदिरा हय, भा गण अन्त ग तो धरवे. १. वृत्तरत्नाकरमां मदिरा नाम आपी तेमां यति कही नथी. वाग्वल्लभमां मंदिरा ने मालिनी नाम आपी तेमां यति कही नथी. प्राकृत पिंगळसूत्रमां तथा शब्दकल्पद्रुममां मदिरा नाम आपी तेमां यति कही नथी. पिंगळादर्शमां १२, १० यति कही छे. मंदारमरंदपूमां मदिरा नाम आपी तेमां यति कही नथी. गणप्रस्तारप्रकाशमां मदरा नाम छे, मदिरा नामनुं वृत्त २३ वर्णमां अंक. १३११ मे छे. तेनुं बीजुं नाम शोभा अथवा इन्द्रविजय पण छे. १२९५ उमा. ६, ६, ६, ४यति. ७भ+ग. १७,९७,५५९
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राग छए षड, चार उमा यति, भा गण सात ग, अन्त रचो. वृत्तदर्पणमां उमा नाम आपी आ माप अने आ यति के छे. संगीतानुसार छंदोमंजरीमां उमा अथवा मदिरानुं एकज नाम आपी मां यति कही नथी. तेनो राग सिंधुरा, ताल दिव्यमणि, मात्रा ३०, विलंबकाळ छे.
१२९६ भुजंगोद्भुत.
तभ+रर+सर + नग. १९,१४,०३७. ता भा पछी र र छे भुजंगोद्धते स र छे ने न गा चरणमा
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