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२२ आकृति छंद.
वर्ण मेळ.
सर्वगामी अथवा केकनी करतां फेर एटलाज के, आमां पाळवानी नथी. आ बन्ने वृत्त, झूलणा जाति जे पृ. ६ ४ मे अंक १५० मे छेतेने अने प्रभातियाने रागे गवांयछे.
३९१.
१२८२ महास्रग्धरा. ८, ७, ७यति. स, ज, त, न, स, र, र, ग. ६,०५,९९६ वसु सात छेद साजा, तन सरर गथी, छे महास्रग्धरा तो. वृत्तरत्नाकरना टिप्पणमां आ वृत्त अने यति छे.
१२८३ मोदः५भ+मस+ग. ८, १४, ११९ पांच भ थी मस थोग थकी रक्त मोद रुडेरुं वृत्त भला ! तुं. जुओ टीप अंक १३०४. १२८४. अर्भकमाला.. भतनत+नम + सँग. ८,१७,६३९ अर्भकमाला भतनत आणों न म पर सा गा पाद धरीने.. १२८५ भवानिस्तरण- मसभ+नजर + सग. ८,७६,४४१ भवानस्तरणे मासभ पर न जरा पछी सगा पद मांहे. १२८६ हरितकी. १४, ८ यति. ७स+ग. ८,९८,७८० सनु आठ विराम हरितको मांह स, सात पछी ग करेछे.. हकोछंद मागधी छंदः शतकमां एज मापथी छे, पण ८, १६ प्रास लाववा केहे छे..
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१२८७ अंयमान.
७स+ग. ८,९८,७८० गण सात स आण पदे अयमान तणे चरमे ग करीने..
१२८८ हंसी ', रजत हंसी २, हंस, साहसी ३.
८, १४ यति. मम+तन+नन+सग. १०.४८, ३२१ आठ चौदे छेदो मामा, तन पर न नं घर. स.ग कर हंसी. १ छंदोमंजरीमां ८, १४ यति कही छे. वाणीभूषणमां ८, ६, ८ विराम छे. २ हंसी अने रजतहंसी ए नाम वाग्वल्लभमां पी तेमां ८.१४ यति कही छे. ३ पिंगळाचार्यकृत छंदः शास्त्रम
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