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रणपिंगळ.
समवृत्त.
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१५२१ उद्दामा, उद्दाम. २ न+१३ र ४५ वर्ण.
ननर ररर सररा राररा राररा आणजो एटले आप उदामनां पाद ज्यारे रचो बे न ने तेर रा ते विषे लावनो.
४६ वर्णना दंडक. १५२२ लीला. न+म+१४र=४६ वर्ण. न पर गा थायछे चौद रा पाद पादे बधा आण आ दंडके शोभिता नाम लीला धस्युं जेह, मांद छेताळीशे अक्षरो थायछे. १ छंदोलताना कम प्रमाणे आनुं माप न+ल+१४ र थायछे.
जुओ अंक १४३३.
४८ वर्णना दंडक. १५२३ शंख.
२ न+ १४ र=४८ वर्ण. ननर ररर राररा राररा राररा रा करो एटले बे न ने चोद रा आणजो शंखना पादमां आप सारी रोते गोठवी गोठवी. १५२४ विदग्पत्रिभंगी. ३ त न+२+३ त न+२ भ=४८ वर्ण.
आवेत्रण तन वे भात्रणतन पाछा द्विभधर पाद विदग्धत्रिभंगी तणी रचनामां काववर तेमां प्रभुगुण गा मनपूर्वक.
१ वाग्वल्लभमां छे.
४९ वर्णना दंडक. १५२५ विलास.
न+ग+ १५ र ४९ वर्ण, नपर गो थायछे ते पछी पंदरे रा गणो सामटा छे विलासे पदे वर्ग चाळीश ने खंड आगो बधा ते विषे गुण गाओ सदा ईशना. । छंदोलतामा न+ल+१५ र एवं माप छे. जुओ अंक १४३३.
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