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अनुष्टुप् वक्त्रादि भेद.
वर्णमेळ.
१. न रंजन ग ल =१४ रूप १२,१२०
। २. नर न ज ग ल=१४ रूप ११,२२४ १९८ विमला.
३. न र न न ग ल=१४ रूप १२,२४८ । ४. त म स ज ग ल=१४ रूप १०,९९७ प्रथम पादमां न रा ज न ग ल आण, द्वितीय पादमां न र न ज गा ल जाण; न र न ना ग ला तृतीय पद रचाय, . ता भा स जा ग ल विमला चतुर्थ थाय.
१९९१
अनुष्टुप् वक्त्रादि' भेद. (आ भेद श्लोकना नामथी ओळखायछे.)
हेला वर्ण पछी नगण के सगण आणवो नहि.
चोथा अक्षर पछी ५,६,७ अक्षरने स्थाने यगण आगवो. १. (ल के ग) १+३ (न स वW)+य+१ (ल के र २. (ल के ग) १+३ (न स वर्य)+य+१ (लके ग)=८ ३. (ल के ग) १+३ (न स वयं)+य+१ (ल के ग)=८ ४. (ल के ग) १+३ (न स वज्ये)+ य+१ (ल के ग)-८
एक वर्ण पछी पासे, न स छोडी गणो धारे; _ पछी यने धरे एक, वाण वक्त्र पदे चारे. १ अनुष्टप्ना असंख्य भेद पायछे, अने तैना पेटामां आ पण आवी आय एवो छ, पण जनादन केहेछे के, सम विषम अने गुरु लघुना भेदे करान तनाया जूदा पाडवामां आवेछे. वागवल्लभमा केहेछे के, अर्द्धसम अने विषम एवां वे जातिनां आ वृत्त थायछे. जेनां चारे चरण अनुष्टुपना जेवां होय ते विषममां गणायछे.
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