________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
दक्षिणना छंद.
www.kobatirth.org
अन्यदेशीय.
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
न्हाना अभंगनो श्रीजो प्रकार.
आठ अक्षरनां चार चरण तेमां प्रथम त्रणनी यमक मळे.
मात्र छेलो अक्षर मळे तोपण चाले.
आठवर्ण पदे थाय,
चार चरण रचाय;
त्रण प्रास मळी जाय, तेने अभंग गणाय.
३ दिंडी.
१. (३+६) ९, (३+३+ग+ग) १० = १९ २. (३+६) ९, (३+३+ग+ग) १०= १९ ३. (३+६) ९, (३+३+ग+ग) १०=१९
४. (३+६) ९, (३+३+ग+ग) १०= १९ पेहेली बीजीना प्रास मळे, श्रीजी चोथीना मळे, अथवा चारेना मळे,
3
33,
कला त्रण खट ण, त्रिपर कर्ण आणो; दिंडीमा विरति, नव दशमे जाणो.
४ साकी.
-५३५
१. ४+४+४+४+४+४+२+ग=२८ २. ४+४+४+४+४+४+२+ग=२८ चोक लिया गण सात रचातां, तेमां गुरु घर छेले; साकी द्विपदी छे सोहाती, अठ्ठावीशने मेळे.
जुबो आज मापनो चोपाया पृष्ट ४६ अंक ११५ मे,
For Private And Personal Use Only