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रणपिंगळ.
विषमवृत्त.
आ वृत्त गीतिना रागथी पण गवायछे. मापमां फेर मात्र एटलोज छे के आना पेहेला चरणमां छठो विप्र अथवा जगण आववो जोइये तेने बदले भगण छे; वाकीनां त्रण घरण घणुं करीने गीति प्रमाणे छे; गीतिमा प्रथमनी १२ मात्राए विराम एकज आवेछे तेने बदले आमां वच्ये बे विराम आवेळे. ए विरामना प्रास मळता आववाथी विशेष मधुर थायछे, अने ते भैरव रागथी गवायछे: वधारे समजण पडवा माटे एनी सारीगम नीचे आपवामां आवी छे:१. पेले | पाद म सा ता| या भ म साते | पांच छए छे | दो
सा से | नी सा नी ध प नी सा नी ध प म ग म ध नी २. बीजे त न त य भा सा| ग ग आठे ने | शर मुनि छे छे |
सारी नी नी सानीधप नो नी सानीधप म्म् ग म धनी सा ३. आठे शर मुनि ताना मा स नी सा गा मनसुखमां त्री | जे,
सारी नी नी सानी धप नी सा नी धप म्म् गम धनी - सा ४. चोथे | तज जा न स ना | यग वसु मुनि ने मुनि यति तो की जे. सारी नीनी सानीधप नीनीसानीधप म्म्मगधनी सा'
(१. म स ज स त त ग=१९) शार्दूलविक्रीडित.
२. म स ज स त त ग=१९ अंक १२०४ १९२ रामरक्षा । ३. म र भन+३ य=२१। स्रग्धराः
(४. म र भ न+३ य=२१) अंक १२५८ मा सा जा स त ता ग सूर्य मुनिथी, पे'ले पदे आणजो,. पेहेला पद जेटला गण बधा, बीजे पदे जाणजो; त्रीजे मारा भ ना छे, त्रण य हय हये, छेदथी रामरक्षा,
चोथे त्रीजा समाने, सकळ गण करो, शोभती जेम कक्षा. रामरक्षा स्तोत्रमा २६ मो श्लोक आ मापनो छे, पण तेनुं नाम प्रसिद्ध वी, माटे अमे आ मिश्र वृत्तनुं रामरक्षा एवं नाम नवु कल्प्युं छे..
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