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असंकीर्ण.
११० अर्भकपंक्ति.
१११ उलपोटा.
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२,४. भ भ र य. विषमे सा भर या धरो तमे तो; अर्भकपंक्ति भ भार या समे तो.
उलपोटा अंक १११ मे छे तेनुं विलोम .
२ रुचिमुखी.
वर्णमेळ.
१, ३. स भर य.
११३ विमुखी.
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१, ३. भ भ र य. २,४. स भ र य. ओज भ भा र य थायछे अयुग्मे; उलपोटा स भ रा य थाय युग्मे. अर्भक पंक्तिनुं विलोम, जुवो अंक ११०. १३,१३ नां रूप ६,७१,००,६७२ थाय छे.
= १२ बधीरा. ६८१ = १२ वलभी. ६८२
१, ३. न न स स ग. = १३ चण्डी. ८२९ २, ४ . न न भ स ग . = १३ विधुरवितान. ८३४ ननस स ग रुचिमुखी विषमे तो; न न भ स ग धराय पद समेतो. विमुखीनुं विलोम अंक ११३.
१, ३. न न भ स ग. = १३ विधुरवितान. ८३४
८२५
११४ भुजङ्गभृता.
=१२ वलभी. ६८२ = १२ बधीरा. ६८१
२,४. न न स स ग. - १३ चण्डी.
=
४९७
न न भ स ग अयुग्म पद मुखी छे; ननस सग सम पदे विमुखी छे. रुचिमुखीनुं विलोम अंक ११२.
१, ३. स स स स ग = १३ तारक. ८२२ २,४. भ भ भ भग. - १३ कर्मठ. ८७९ विषमे रचजो स स सा सग भाई !
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