Book Title: Ranpingal  Part 01
Author(s): Ranchodbhai Udayram
Publisher: Kutchh Darbari Mudrayantra

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Page 696
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra संकीर्ण. www.kobatirth.org १६६ वर्त्तिका वर्णमेळ. सन या ग ग पद चोथामां छे. १. ससज गग=११ विमला. १६५ कामकल-२: समरय = १२ वधिरा. शिका. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अंक ५६७ अंक ६८ १ 6 ३. तजरमं . = १० नमेरु, लाजवती . ४४ ( ४. भसजग ग=११ अमंदपाद. १६९ प्रथमे स स जा ग गा करोजी, पद बीजे स भ रा य तो धरोनी; त्रीने पद थाय ता जरा गां, कामकलाशिका में सा जगा गा. १. र नर लग=११ रथोद्धता. अंक ६०० २ रन भगग = ११ स्वागता. अंक १८२ विलसित. ) ३. नररलग=११ भाविनी. अंक १९७ १,२११ ४. रनरर = १२ रूप. १६७ उपवैतालिक. थायछे प्रथम रा न रा लगा, छे द्वितीय पदरान भगा गा; न र र ला ग आवे त्रौजे पदे, वर्तिकाविलसिते र नारा र दे. ५१५ १. त भ त ग ग ११ इहामृगी. १६२ २. त भ त ग ग = ११ इहामृगी. ५६२ ३. त त जर = १२ विरासिका. ७२७ ४. त भ त ग ग - ११ इहामृगी. ५६२ ता भा ग गा उपवैतालिके छे, बीजे पदे त भता याग के' छे; त्री पदे छे त त जा र मापमां, चोथे पदे कवि! ता भा त गा ग. For Private And Personal Use Only

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