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वर्णमेळ.
सममांहे स भ छे रना पछी स ग पदे छे
१ वागवल्लभमां नीचे प्रमाणे छे. न भ रा श्च विषमे रयौ यदा समे चेत्, स भ रा आसववासिता जसौ च गुरु रेषा. विषम पादमां न भ र र य =१५
समपादमां स भ र ज स ग = १६ उपरनी कवितानी रचना प्रमाणे तो विषम पदमां चौद वर्ण ने स न र ज ग ग-१४ थायछे, एमां भूल छे. प्रथम नगण जोइये पण ते थतो नथी.
विलोमे अनासववासिता थायछे, जुवो अंक ८६. . . १६,१२ नो रूप. २६,८४,३५,४५६ थायछे. ८४ हीनताली. १,३. स भ स ज र ग. १६ रूप. १०,९९६
२,४. मन ज र. =१२ रूप. १,४०१ विषमे सा भ स ज र गे रचाय हीनताली; आवेछे म न ज र युग्ममां सदा.
अहीनतालीनुं विलोम, अंक ५९. १६,१३ नां रूप. ५३,६८,७०,९१२ थायछे. ८५ अपरीणिता)१,३. न न स त त ग.१६ रूप. १६.६८८
१२,४. न न त त ग.=१३ चंद्रिका. ८४३ न न स अपरप्रीणिता ता ता ग छे ओजमां; न न त त ग अनोजे रचो मोजमां. परप्रीणितानुं विलोम. जुवो अंक ७१
__(१,३.स भर जसग:१६ रूप.१५,०२८ ८६ अनासववासिता.
(२,४. न भ र र य.-१५ रूप. ५,३०४
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