________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
रणपिंगळ.
अर्द्ध समवृत्त. ५३ अप्रमाथिली १,३. स भ र य.= १२ बधिरा. अंक ८१
( २,४. न नजर ग.=१३ मृगेंद्रमुख. ८१५ स भ रा या थकों अपमाथिनी छे; न ज ज र गा कथनी अनोजनी छे.
विलोमे प्रमाथिनी, अंक ६४. ५४ पद्मावती. र
(१,३. त भ ज य. = १२ नीरान्तिक. ७०२ । २,४. स ज स म ग.-१३ कलहंस. ८२३ पद्मावती त भज या थकी ओजे;
रचजो सदा स स साग अनोजे. ५५ चमूरुभीर..
(१,३. र न ज र. =१२ रूप. १,४०३ । २,४. स न ज र ग. = १३ रूप. १,४०४ ओजमां र न ज र थायछे शिरु; स न जा र ग समथी चमूरुभीरु.
विलोमे चमूरु. अंक ६६. . ५६ वेदवाणी १,३. म स ज म. =१२ रूप. ३४५
१२,४. स भ र य ग. =१३ रूप. ६९२ . ओजे पंक्ति म सा ज मा वखाणी छे;
सममां सा भ र या ग वेदवाणी छे. विलोम करवामां आवे तोपण वेदवाणो नाम रेहेछे. २७ जोर १,३. न ज ज र.=१२ मालेती. अंक ७३१
१२,४. स ज य ज ग.=१३ रूप. २,६६८ विषम पदे न ज जा र थाय छे । सम मंजुसौरभ सा जा य जा ग छे. वृतरत्नाकरमां नीचे प्रमाणे छे.
यदि विषमे भवतो नजौ जरौ,
For Private And Personal Use Only