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वर्णदंडक.
वर्णमेळ.
१४५४ आलानिक. (वाग्वल्लभ) ननर+६य+ल=२८ वर्ण.
ननर पर य छो ल अन्त आलानिके
आणजो पादमां सर्व अठ्ठाविशे वर्ण. १४५५ रंगियो,वर्णरंगी. लघु गुरुनो नियम नथी, अंते ल ग.
९,७,७,५ यति. नव साते साते ने पांचे, एम यतिना वर्ण, अंते गुरु ने लघु, रंगिया विषे. १४५६ भगवता. (ग. प्र. प्र.) भनस+नभ+नभ+मय+ल.
भा ज स परे न भ करे ज भ धरे
भगवता विषे म य पूठे अन्त ला पाद. १४५७ अश्वघाटी. तभय+जसर+नतभ+लग. =२९ वर्ण.
ता भा य छे, गण ज सा रा पछी, न त भ छे
अश्वधार्टी पदमाहे लघु गुरु वेळी. १४५८ वसुधाधर. (छंदःप्रदीप) ९स+२ल=२९ वर्ण.
स स सा स स सा स स सा धरिने लघु बे
वसुधाधर दंडक माह सदा कर, १४५९ सौभाग्य. भन+ततत+सयय+नगल=२९ वर्ण. भाज पर छे त ता ता गणो सा य या छे न गेल पाद सौभाग्य माहे सुकविराय!
गणप्रस्तारप्रकाश. १४६० वर्णक दंडक. २न+यं+लग=२९ वर्ण.
द्वि न गण पर करो या बधा सात तो वर्णके दंडके पादमां अन्त ला गा धरी.
भाषाछंदोमंजरीमां.
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