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रणपिंगळ.
गुरु ( 15 ) होवानी आवश्यकता छे, पण जो ते एकज अक्षरनो शब्द होय तो तेने माटे कंह नियम नथी..
निर्दोषनं उदाहरण..
" शोभाक सकेलि ऊंची बेलि बाँधी बलीभद्र, राख्यो सम लोचन कुरंगनिको रोस है; दीपतिको दीपककै मुख दीपको सुमेरु, मृदु मुख सारसको सिफाकन्द जोस है;; कलपतरो वरकी कली कैधा कुंदफली,, उपमा अनुपनिको विध निसोस है; तिलको सुमन है कि नासिका तरुनि तेरी, सुखकी सरन कैधों सौरभको कोस है. "
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आमां पंहेला चरणमां त्रण अक्षर पछी "सकेलि" शब्द: अने २३ वर्ण पछी । “कुरंग" शब्द; तथा त्रीजा चरणमा ३
अक्षर पछी "तरोवर" शब्द, १९ अक्षर पछी " अनुपनि " शब्द अने २७ अक्षर पछी "निसोस” शब्द लघु गुरु (IS)) थी आरंभायछे.
समवृत्त.
बीजा चरणमा ३ अक्षर पछी "कों" शब्द, ७ अक्षर पछी "कै" शब्द अने २३ अक्षर पछी "क" शब्द गुरु पडेला छे.. • वळी चोथा चरणमा ७ अक्षर पछी "कि" शब्द लघु छे, पण ते एकाक्षरी शब्द होवाथी बने रूप निर्दोष छे.
एज प्रमाणे बीजां स्थानोंपर पण समजी लेवं जोइये..
दूषित उदाहरण.
"सरस बन लसत नाचत मयूरगन" इ..
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