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वर्णदण्डक.
वर्णमेळ.
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__ "सरस कुंजनी लखि नाचत मयूरगन" इ.
"सरस. आकाश लसै नाचत मयूरगन" इ.. एमांत्रण वर्णो पछी “बन” "कुंज” तथा “आकाश” शब्दो. लघु गुरु (Is) थी आरंभाता नथी, तेथी गति बगडेछ. . एज रीतेः बीजां स्थानो उपर पण. समजी, लेवु जोइये.
पांचमा नियममां अपवाद.. जो ३ अक्षर पछी नगण (।।।) नो पूरो शब्द आवे तो घाले. अर्थात् जो तेता आरंभमां लघु गुरु (15) थता नथी, तोपण ते निर्दोष छे..
जेम-उपरना “शोभाको सकेलि” ए शब्दोथी आरंभाता कवितना चोथा चरणमा ३ अक्षर पछी "सुमन" शब्द तथा १.१ अक्षर पछी "तरुनि" शब्द त्रण लघुना पूरा होवाथी. निर्दोष छे.. एज प्रमाणे बीजी जग्याए पण समजq.
एकंदर गुरु लघु संख्याविषे. अंते एक वात ध्यान आपवा योग्य जणायछे के प्रस्तारनी सेति प्रमाणे जेटलां रूप घनाक्षरीनां थाय, सेटलां तमाम आवी शकेछे, तोपण घणा लघु अथवा घणा गुरु एकन स्थानमां आववाथी रुचिकर थता नथी एटले ए वात उपर ध्यान आपq. जोइये के,-१२थी वधारे गुरु अने २४थी वधारे लघु एकठा न थइ जाय तो सारु. १० गुरु तथा २३ लघु सुधीनां उदाहरणो. मक्री आवेछे..
सामान्य विचार.. कवितनी रचनामां कये स्थाने केवा प्रकारना कया शब्दनी
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