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रणपिंगळ.
समवृत्त.
आरंभमां तगणादि शब्दनो निषेध छे. जेमके"आकाशमें लसति सुहाई मनभाइ घटा,
छहरी छेहरी बुंद झीनी बरसती है". एमां आरंभमां-"आकाशमें" एशब्द तगंणादि छे, तेथी गति बगडेछे. पण चार अक्षर पछी तगणादि शब्दनो निषेध छे. जेमके
"ऐसे समै सारंगधर क्यों न चले वीर!
बैठी कहा मनमैं मसूसी तरसती है". एमां आरंभना चार अक्षर पछी सारंगधर अंतर्गत “सारंग" शब्द तगणादि छे, तेथी गति बगडे. ___ आरंभमां मगणादि शब्द मध्यम छे. जेमके
"आकांक्षी तिहारे दरशनको भयो हौं हौं तो" - एमां आरंभनो “आकांक्षी" शब्द मगण होतां गतिने मध्यम करेछे।
चार वर्ण पछी मगणादि शब्द मध्यम छे. जेमके-- . "केसनमें तातारी मृगमद सुगंध लसै"-इ. एमां आरंभना चार अक्षर पछी "तातारों" शब्द मगण छे, तेंथी मध्यम गति थायछे. प्रारंभमां यगणादि शब्द मध्यम छे. जेमके
"निकाई तिहारी पर वारी जाती रंभा रमा--" इ. एमां प्रारंभमां "निकाई" शब्द यगण होतां गति मध्यम श्रेणीनी बनावी देछे.... चार वर्ण पछी पण यगणादि शब्द मध्यम छे. जेमके--
"जोम भरो जवानी"--इ० एमां चार अक्षर पछी “जवानी” शब्द यगण छे, तेथी गति मध्यम थायछे. एन रोते ८,१२, इत्यादि वर्णो पछीनेमाटे पण समजी लेवू.
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