Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 1
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Ramchandra Khinduka
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* आमेर भंडार के प्रन्थ
अष्टाह्निका कथा |
रचयिता पं० खुशाल चन्द्र भाषा हिन्दी पत्र मंख्या ४ साइज १२०५ इञ्च | रचना संवत् १७७४ सम्पूर्ण पद्य संख्या- ११७. प्रति सुन्दर है ।
अष्टाका कथा |
रचयिता आचार्य शुभचन्द्र भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ७. साइज १० ।। ४५ । लिपि संवत् १८४६. लिपिस्थान, जयपुर |
प्रति ०२ पत्र संख्या ६ साइज ११||४६ इञ्च लिपि संवत् १८६१ |
प्रति नं० ३. पत्र संख्या ४. साइज १२४६ च ।
J.
श्रष्टाका कथा |
रचयिता अज्ञात भाषा हिन्दी | साइज २० fare श्री
इञ्च रचना संवत १८७२ "रेणी नगर के राम के लिये ग्रन्थ की रचना की गयी" उक्त शब्द प्रशस्ति में लिखे हुये हैं ।
अष्टाहिका व्रतोद्यापन पूजा ।
रचयिता श्रज्ञात | भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ६. साइज १२५|| ३ | लिपि संवत् १८३६. लिपि - स्थान सवाई माधोपुर ( जयपुर ) लिपिकार भट्टारक श्री सुरेन्द्रकीति ।
अज्ञान वोधिनी ।:
रचयिता श्री शंकराचार्य | भाषा संस्कृत । पृष्ठ संख्या १३ साइज १०४५ || इश्र्व | विषय न्याय
अक्षयनिधि पूजा |
रचयिता अज्ञात | पत्र संख्या ५. भाषा संस्कृत । साइज ११४४ ॥ इव लिपि संवत् १७६८, लिपिकारं पं० दोदराज |
प्रति नं० २ पृष्ठ संख्या २१. साइज ११||४|| इश्र्व पुस्तक में अन्य पूजाएँ भी हैं।
श्र
आकाश पंचमीत्रत कथा |
रचयिता अज्ञात भाषा संस्कृत | पत्र संख्या ५. साइज ११४४॥ उ । लिपि संवत १६७० प्रतिपूर्ण हैं ।
आठ