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उदाहरण वाक्य:
बहुवचन (नपुं.) णयराहिंतो गामं दूरं अत्थि = नगरों से गाँव दूर है। फलाहिंतो रसो जायइ = फलों से रस पैदा होता है। पुप्फाहिंतो सुयंधो आयइ = फूलों से सुगन्ध आती है। कमलाहिंतो जलं पडइ = कमलों से पानी गिरता है। घराहिंतो सो अन्नं मग्गइ = घरों से वह अन्न माँगता है।
खेताहिंतो धन्नं उप्पन्नइ = खेतों से धान्य उत्पन्न होता है। सत्थाहिंतो सो विरमइ = शास्त्रों से वह अलग रहता है। वारीहिंतो कमलाणि णिस्सरंति = पानी से कमल निकलते हैं। दहीहिंतो घयं जायइ
दही से घी पैदा होता है। वत्थूहितो ते सया विरमंति = वस्तुओं से वे सदा दूर रहते हैं। प्राकृत में अनुवाद करो :
वे आदमी नगरों से दूर आते हैं। ये पानी से डरते हैं। फलों से सुगन्ध आती है। वे खेतों से अन्न प्राप्त करते हैं। हम घरों से वस्तुएँ ले जाते हैं। कमलों से कौन डरता है ? फूलों से धूलि गिरती है। वह शास्त्रों से पत्र खींचता है। मैं वस्तुओं से घृणा नहीं करता हूँ। वे दही से घी निकालते हैं। शब्दकोश (नपुं.) : काणण=
पंजर = पिंजड़ा कप्पास=
तेल = विजण = चंदण = चंदन
जाण = वाहन (गाड़ी) चम्म = . चमड़ा छिद्दय = छेद (बिल) प्राकृत में अनुवाद करो : ... जंगल से कौन जाता है? कपास से धागा निकलता है। पंखे से हवा आती है। चंदन से सुगन्ध आती है। चमड़े से दुर्गन्ध निकलती है। पिंजरे से पक्षी उड़ता है। तेल से. सुगन्ध नहीं आती है। घोंसले से पक्षी नहीं जाता है। वाहन से कौन उतरता है? छेद
से साँप निकलता है। .. निर्देश :- इन्हीं वाक्यों का बहुवचन (पंचमी नपुं) में प्राकृत में अनुवाद करो।
कपास
पंखा
णेड • =
घौंसला
खण्ड १