Book Title: Prakrit Swayam Shikshak
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Prakrit Bharati Academy

Previous | Next

Page 245
________________ आणिएल्लियं = लाये हुए अइसंधिओ = ठगाया गया . विक्कोसमाणो = चिल्लाते (रोते) हुए जीवलोगभंतर = जीव लोग से भरा हुआ सक्खी = गवाह महिलियं = महिला को मन्निस्सामि = मानूंगा किलेसेण = कठिनाई से । पाठ ३ : नटपुत्र रोह . . हीलापरायणा = तिरस्कार काहं = करूंगा ... करने वाली उन्भएण = खड़े होकर परिकलिय . = जानकर सिढिलायरो = कम आदर लटुं = प्रेम (प्रियवचन) . करने वाला पडिवन = स्वीकार कर लिया सुत्तुट्ठिओ = सोकर उठा हुआ दंसित्ता = दिखाकर विलक्खमणो : = .लज्जित मन वाला .. पाठ ४ : विचारहीन राजा की कथा माहण = ब्राह्मण वइस्सा = वैश्य लगुड = लट्ठ (डंडा) नएइरे = ले गये। वहाइ _ = वध के लिए पत्थणातिय .. = तीन इच्छाएँ जाइज्जइ = मांगता है मोएह = छोड़ दिये जायं । निक्कासिओ = खारिज कर दिया अप्पित्ता . = अर्पित कर पाठ ५ : शीलवती की कथा वरिवट्टइ = रहता था सगासाओ ___= पास से अणुव्वयाई = अणुव्रत विणस्सरो ___= नाशवान पवन्नाणं = प्राप्त कराने वाला जीवाणमाहारु = जीवों का आधार वासिओ ___= वश में मग्गेइ = खोजने लगी महव्वई = महाव्रती समयनाणं = आत्मा को जानकर अंतिट्ठिएण = भीतर छुपे हुए चव्वेमि चबाता हूँ २०४ प्राकृत स्वयं-शिक्षक

Loading...

Page Navigation
1 ... 243 244 245 246 247 248 249 250