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पाठ
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३. प्रेरक वाच्य-प्रयोग
(क) प्रेरक कर्मवाच्य सामान्य क्रियाएँ : पिवावीअ = पिलाया जाना सीखाविज्ज = सिखाया जाना
खेलावीअ = खिलाया जाना जग्गाविज्ज = जगाया जाना हसावीअ = हँसाया जाना कराविज्ज = कराया जाना लिहावीअ.. = लिखाया जाना उहाविज्ज = उठाया जाना णच्चावीअ = नचाया जाना सयाविज्ज = सुलाया जाना. पढावीअ = पढ़ाया जाना पासाविज्ज = दिखाया जाना
वर्तमानकाल जुवईए बालको पासाविज्जइ = युवती के द्वारा बालक दिखाया जाता है। मए घडो कराविज्जइ = मेरे द्वारा घड़ा बनवाया जाता है। . : तेण बाला सीखाविज्जइ = उसके द्वारा बालिका सिखायी जाती है। गुरुणा पोत्थअं पढावीज्जइ = गुरु के द्वारा पुस्तक पढ़ायी जाती है।
भूतकाल . मए बालओ पासाविज्जीअ = मेरे द्वारा बालिका दिखायी गयी है। तेण घडो कराविज्जीअ = उसके द्वारा घड़ा बनवाया गया है। जुवईए बाला णच्चावीअईअ. = युवती के द्वारा बालिका नचायी गयी है।
भविष्यकाल तेण अहं पासाविहिमि __ = उसके द्वारा मैं दिखाया जाउँगा। मए तुम णच्चाविहिसि = मेरे द्वारा तुम नचाये जाओगे। गुरुणा पोत्थअं पढाविहिइ = · गुरु के द्वारा पुस्तक पढ़ायी जायेगी।
विधि/आज्ञा तेण पत्तं लिहावीअउ = उसके द्वारा पत्र लिखाया जाय। तुमए कंदुओ खेलावीअउ = तुम्हारे द्वारा गेंद खिलायी जाय। छत्तेहि सुधिणो नमावीअंतु = छात्रों के द्वारा विद्वानों को नमन कराया जाय ।
तेण अहं ण उट्ठाविज्जमु = उसके द्वारा मुझे न उठाया जाय। प्राकृत में अनुवाद करो :
.. उसके द्वारा बालिका को जल पिलाया जाय । तुम्हारे द्वारा शिष्य को सिखाया जाय । तुम्हारे द्वारा वह उठाया जाता है। छात्र के द्वारा शास्त्र नहीं पढ़ा जाता है। युवती के द्वारा बालको को जल पिलाया गया। मेरे द्वारा बालिकाओं को गीत सिखाया गया। माता के द्वारा जगाया जाउंगा। पिता के द्वारा घड़ा बनाया जायेगा। हमारे द्वारा चित्र दिखाये जायेंगे।
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प्राकृत स्वयं-शिक्षक