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पाठ
नियम : सप्तमी (पु, स्त्री, नपुं.) : सर्वनाम : नि. ५१ : (क) सप्तमी विभक्ति के एकवचन में अम्ह एवं तुम्ह में तथा पुल्लिंग त, इम, क
सर्वनाम में 'म्मि' प्रत्यय लगता है। बहुवचन में इनमें एकार होकर 'सु' प्रत्यय लगता है । यथाए.व. : अम्हम्मि, तुम्हम्मि, तम्मि, इमम्मि, कम्मि ।
बव. : अम्हेसु, तुम्हेसु, तेसु, इमेसु, - केसु । (ख) स्त्रीलिंग सर्वनाम ता, इमा एवं का में सप्तमी के एकवचन में 'ए' प्रत्यय तथा
बहुवचन में 'सु' प्रत्यय लगता है। यथा
ए.व. : ताए, इमाए, काए। बव. : तासु, इमासु, कासु। पुल्लिंग शब्द : नि. ५२ : (क) अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के आगे सप्तमी विभक्ति एकवचन में 'ए' प्रत्यय
लगता है जो शब्द 'ए' की मात्रा के रूप में (') प्रयुक्त होता है। जैसे
पुरिस = पुरिसे, छत्त = छत्ते, सीस = सीसे, आदि। (ख) बालअ शब्द में 'ए' प्रत्यय लगने से बालए रूप बनता है। (ग) इ एवं उकारान्त पु. शब्दों में 'म्मि' प्रत्यय लगने से इस प्रकार रूप बनते हैं
सुधि = सुधिम्मि, सिसु = सिसुम्मि, आदि। नि. ५३ : (क) अकारान्त पु. शब्दों के 'अ' को बहुवचन में 'ए' हो जाता है तथा उसके बाद .
'सु' प्रत्यय लगता है। जैसे-पुरिस = पुरिसेसु, छत्त = छत्तेसु, आदि । (ख) इ एवं उकारान्त पु. शब्द बहुवचन में दीर्घ हो जाते हैं फिर उनमें 'स' प्रत्यय
लगता है । जैसे—सुधि-सुधी + सु = सुधीसु, सिसु = सिसूसु।। स्त्रीलिंग शब्द : नि. ५४ : (क) आ, ई, ऊकारान्त स्त्री. शब्दों के आगे सप्तमी एकवचन में 'ए' प्रत्यय लगता
है । जैसे—बाला = बालाए, साडी = साडीए, बहू = बहूए । (ख) इ एवं उकारान्त स्त्री. शब्द दीर्घ हो जाते हैं तब उनमें 'ए' प्रत्यय लगता है।
जैसे-जुवइ = जुवईए, धेणु = घेणूए, आदि। .. नि. ५५ : स्त्री. सभी शब्द सप्तमी बहुवचन में दीर्घ आ, ई, ऊ वाले होते हैं, जिनके आगे
'सु' प्रत्यय लगता है। जैसे—बाला = बालासु, जुवइ = जुवईसु, घेणु =
घेणूसु, सासू = सासूसु, आदि। नपुंसकलिंग शब्द : नि. ५६ : सप्तमी एकवचन और बहुवचन में नपुं. शब्दों के रूप पु. शब्दों की तरह
बनते हैं।
प्राकृत स्वयं-शिक्षक