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पाठ
६७
अर्थ
गुणवंत
अप्पाणो
चंदम
चंदमा
कुछ अन्य पुल्लिंग संज्ञा शब्द :
एकवचन (प्रथमा) बहुवचन भगवंत
भगवान् भगवंतो भगवंता
गुणवान गणवंतो गुणवंता णाणवंत
ज्ञानवान णाणवंतो णाणवंता जुवाण युवक
जुवाणो जुवाणा अप्पाण आत्मा
अप्पाणा राय राजा रायो
राया जम्म जन्म . जम्मो
जम्मा . चन्द्रमा . चंदमो नि, ६३ : इन शब्दों के रूप अकारान्त पुल्लिंग शब्दों की भांति प्रयुक्त किये जाते ... हैं। यद्यपि विकल्प से इनके अन्य रूप भी बनते हैं। उदाहरण वाक्य : . .
एकवचन भगवंतो वीयराओ होइ = भगवान् वीतराग होता है। सों भगवंतं पणमइ = वह भगवान् को प्रणाम करता है।
भगवंतेण विणा धम्मो नत्थि = भगवान् के बिना धर्म नहीं है। __ अहं भगवंतस्स नमामि = मैं भगवान् के लिए नमन करता हूँ।
ते भगवंतत्तो किं मग्गन्ति = । वे भगवान् से क्या माँगते हैं? भगवंतस्स णाणो सेट्ठो अत्थि = भगवान् का ज्ञान श्रेष्ठ है। भगवंते अवगुणा ण सन्ति = भगवान् में अवगुण नहीं हैं। भगवंतो! अम्हे उवदिसहि = हे भगवान् ! हमें उपदेश दो।
प्राकृत में अनुवाद करो
वह भगवान् को पूजता है। गुणवान राजा लोगों का कल्याण करता है। ज्ञानवान साधु के साथ हम रहते हैं। राजा युवक से डरता है। आत्मा का कल्याण कब होगा? राजा का पुत्र नगर में घूमता है। वह पूर्व जन्म में मृग था। बालक चन्द्रमा को देखता है। हे ज्ञानवान ! उन्हें शिक्षा दो।
खण्ड १