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पाठ
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सयहा
र
विशेषण शब्द :
प्रकार एवं क्रमवाचक एगहा = एक प्रकार बहुविह = बहुत प्रकार दुविहा = दो प्रकार अणेगविह = अनेक प्रकार तिविह = तीन प्रकार णाणाविह = नाना प्रकार चउहा = चार प्रकार
= सैंकड़ों प्रकार दसविह = दस प्रकार सहस्सहा = हजारों प्रकार पढमो = पहला अट्ठमो = आठवां बीओ = दूसरा नवमो = नौवां तइओ = तीसरा दहमो = दसवां चउत्थो . = चौथा वीसइमो = बीसवां पंचमो = पाँचवां चउवीसइमो = चौबीसवां छट्ठो = छठवां सययमो = सौवां
सत्तमो = सातवां अणंतयमो = अनन्तवां उदाहरण वाक्य : दुविहा जीवां
= दो प्रकार के जीव। तिविह मोक्ख मग्गं .
= तीन प्रकार का मोक्ष मार्ग। चउहा गईओ
= चार प्रकार की गतियाँ। दसविहो धम्मो
= इस प्रकार का धर्म। • बहुविहा कम्मा
= बहुत प्रकार के कर्म। णाणाविहाणि पोत्थआणि
= नाना प्रकार की पुस्तकें । · पढमो बालओ निउणो अत्थि = पहला बालक निपुण है। पढमा जवई नमइ
= पहली युवती नमन करती है। पढमं सत्थं आयारो अस्थि । = पहला शास्त्र आचारांग है। ... चउवीसइमो तित्थयरो महावीरो अस्थि = चौबीसवें तीर्थकर महावीर हैं।
चउत्थी बाला मम धूआ अस्थि = चौथी बालिका मेरी पुत्री है। पंचमं घरं मज्झ अत्थि
= पाँचवाँ घर मेरा है। प्राकृत में अनुवाद करो :
दूसरा बालक दयालु है। तीसरी पुस्तक काव्य की है। छठी युवती तुम्हारी बहिन है। सातवां फूल गुलाब का है। आठवीं गाय काली है। नौवां वस्त्र सफेद है। दसवां आदमी मूर्ख है। चार प्रकार के फल । तीन प्रकार के वस्त्र । दो प्रकार की पुस्तकें । दस प्रकार के फूल । हजारों प्रकार के प्राणी । नाना प्रकार के जन्म। अनेक प्रकार के घर ।
खण्ड १
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