Book Title: Prakrit Sukti kosha
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jayshree Prakashan Culcutta

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Page 17
________________ विषय प्राकृत काव्य प्रायश्चित प्रेम बन्धन बहिरात्मा बिखरे मोती बुढ़ापा ब्रह्मचर्य ब्राह्मण भव्यात्मा भाग्य भाव भिक्षु भूख भोगी - अभोगी मङ्गल मन मद्यपान मनुष्य मनुष्य जन्म मनोभाव (लेश्या ) मनोविजय मनस्वी ममत्व मांसाहार माया मित्र मिथ्यात्व ( अविद्या ) मिथ्यादृष्टि मुक्त मैत्री Jain Education International 2010_03 पृष्ठ संख्या विषय १७४ मोक्ष १७६ मोक्ष-मार्ग १७७ १८० १८० १८२ राग १८६ १८७ १६३ १६५ लगन १६५ लोभ १६५ लोभी १६६ १६७ १६८ १६८ २०० २०० २०१ २०२ २०२ २०५ २०५ २०६ मोह यतना योगी राग-द्वेष राजलक्ष्मी रात्रि - भोजन वाग्विवेक विद्यार्जन विनय विनय - अविनय विनीत विपर्यास वियोग विरक्त विवेक वीतराग वीर वीरता २०६ वेश २०६ वेशधारी २०७ वेश्यागमन २०८ वैयावृत्य ( सेवा ) २२० व्यसन २२१ शत्रु २२२ शरण For Private & Personal Use Only पृष्ठ संख्या २२३ २२४ २२८ २२६ २३० २३१ २३१ २३४ २३४ २३५ २३५ २३६ २३७ २१० २१. २१४ २१५ २१६ २१६ २१६ २१७ २१७ २१६ २१६ २१६ २४३ २४४ २४५ २४६ २४७ २४७ www.jainelibrary.org

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