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दानवीर
श्रीमान् सूरजमलजी साहिब कोचर ।
श्राप श्रीमान् फलोदी ( मारवाड़ ) के नागरिक, और सेठ धीरजी चान्दनमलजी सिकन्दराबाद फर्म के मालिक हैं। यों तो आपका उदार जीवन विस्तृत और अनुकरणीय है किन्तु यहां मुझे आपकी संक्षेप से आर्थिक उदारता का नमूना पाठकों की सेवा में रखना है इसलिए समुचित समझता हूँ कि लक्ष्मी के लाड़ले पूत इन महाशय का अनुकरण कर जैन - शासन सेवा के निमित्त अपने धन का सदुपयोग कर निज मनुष्य जीवन को समुन्नत बनावें । सेठजी के दान का व्यौरा निम्न लिखित है । २३०००) रु० आपने फलोदी में तपागच्छ की धर्मशाला बनाने में व्यय कर पुण्योपार्जन किया
७०००) रु० श्री कदमगिरि पर मन्दिर बनाने में खर्च किए । ६०००) रु० स्वयं आपने तथा आपकी पुत्रवधू ने तपश्चर्या की पूर्णाहुति में उद्यापन करके व्यय कर तपाराधन किया ।
२०००) रु० सिकन्दराबाद की जैन लाइब्रेरी में लगाए । १७८१) रु० फलोदी में श्री शान्तिनाथजी के मन्दिर की प्रतिष्ठा में व्यय कर दर्शन पद की श्राराधना की ।
१६००) रु० श्री सिद्धक्षेत्र में नवकारसी जीमणवार में खर्च
किए ।
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